मध्य प्रदेश के हर जिले में स्पेशल पुलिस थाना चाहती हैं बिजली कंपनियां | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां अब हर जिले में एक स्पेशल पुलिस थाना चाहती है। एक ऐसा पुलिस थाना जो केवल उनके लिए खोला जाएगा। पुलिस केवल बिजली कंपनी के लिए काम करेगी। बिजली चोरी पकड़ने के लिए अधिकारियों के साथ जाएगी। स्वाभाविक है बिजली बिल वसूली के लिए भी पुलिस अधिकारियों के साथ रहेगी। कुल मिलाकर बिजली कंपनी के अधिकारियों को 27x7 पुलिस प्रोडक्शन मिल जाएगा और तमाम कागजी कार्रवाई से मुक्ति।

बार बार पुलिस से मदद मांगी पड़ती है, इसलिए अपने थाने चाहिए

शासन स्तर पर चल रहे मंथन को हरी झंडी मिलते ही बिजली थाने अस्तित्व में आ सकेंगे। फिलहाल, बिजली चोरी के मामलों में विद्युत वितरण कंपनियों को स्थानीय पुलिस की मदद लेना पड़ रही है। इसके लिए लगातार पत्र भी जारी करने होते हैं। पत्र देने के बाद भी कई बार पुलिस उपलब्ध नहीं हो पाती। साथ ही खेतों में केबल चोरी के मामले भी सामने आते रहते हैं। इस कारण बिजली कंपनियों द्वारा बिजली थाने बनाए जाने की मांग की जा रही थी।

बिजली चोरी पकड़ने अधिकारियों के साथ पुलिस भी जाएगी

ऊर्जा विभाग में इसकी फाइल भी चल रही है। अब इसे राज्य शासन को अनुमति के लिए भेजा जाना बताया जा रहा है। इस पर अमल के लिए गृह विभाग को भी शामिल किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर पर प्रयास चलने की बात सामने आई है। बिजली थाने अस्तित्व में आने से बिजली कंपनी को बिजली और केबल चोरी रोकने में काफी सहायता मिलेगी। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली बिजली चोरी को भी इससे रोका जा सकेगा।

एक बिजली थाने में कितने कर्मचारी होंगे

बिजली थाने बनने पर हर थाने में 2 उप निरीक्षक, 4 सहायक उप निरीक्षक, 8 प्रधान आरक्षक, 16 आरक्षक होंगे। इनमें 14 पुरुष और दो महिला आरक्षक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त 30 जवानों को थाना कार्यालय में कार्य करने के लिए पदस्थ किया जाएगा। इसी तरह उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 2 का एक पद, सहायक उप निरीक्षक डेटा ऑपरेटर का एक पद और सहायक उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 3 का भी एक पद रहेगा।
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