EPFO: प्राइवेट कर्मचारियों को मिली आजादी, HR के सामने गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा | EMPLOYEE NEWS

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO-Employees Provident Fund Organization) ने विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। प्राइवेट कर्मचारियों को अब स्वतंत्रता मिल गई है कि वह नौकरी छोड़ने की तारीख खुद दर्ज कर सकते हैं। इससे पहले यह अधिकार केवल नियोक्ता के पास था। यानी कर्मचारी को एचआर के चक्कर लगाने पड़ते थे।

ईपीएफओ की ओर से ट्विटर पर दी गई जानकारी के मुताबिक, EPFO ने अपने सिस्टम को और आसान बना दिया है। पहले नौकरी छोड़ने की तारीख नहीं होने से ​फंड निकालना या ट्रांसफर करना अटका रहता था। अब भविष्य निधि संगठन ने इस टेंशन को दूर करने के लिए यूनिफाइड पोर्टल (UAN Portal) पर एक नई सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के तहत कर्मचारी पिछली कंपनी छोड़ने की तारीख खुद अपडेट कर सकता है। 

EPFO: कर्मचारी नौकरी छोड़ने की तारीख खुद दर्ज कर सकता है

कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने खाताधारकों के लिए एक ऑनलाइन सुविधा शुरू की है। इससे ईपीएफ अकाउंट होल्‍डर नौकरी छोड़ने की तारीख को खुद अपडेट कर सकते हैं यानी वे ईपीएफओ के रिकॉर्ड में बता सकेंगे कि उन्‍होंने अपने संस्‍थान को कब छोड़ा।

इस नियम के बदलने से क्या होगा- 

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पहले इस तारीख को केवल संस्‍थान (जिस कंपनी में आप नौकरी करते हैं) ही अपडेट कर सकता था। अगर ईपीएफओ रिकॉर्ड में नौकरी छोड़ने की तारीख दर्ज नहीं है तो ईपीएफ खाताधारक अपने ईपीएफ खाते से पैसा न तो निकाल सकते हैं न ट्रांसफर कर सकते हैं।

EPFO में Exit Date कैसे दर्ज करें

ट्विटर पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एक्टिज डेट को कैसे अपडेट करने के लिए खाताधारक को ई-सेवा पोर्टल पर जानकर अपडेट करना होगा। आइए जानें इसका पूरा प्रोसेस: 
सबसे पहले आपको अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन), पासवर्ड और कैप्‍चा कोड डालकर ई-सेवा पोर्टलर पर लॉग-इन करना होगा। लेकिन इसके लिए आपका यूएएन पोर्टल पर एक्टिवेट होना चाहिए।
लॉगइन के बाद आपको मैनेज टैब पर क्लिक करना होगा। इसके बाद 'मार्क एक्जिट' ऑप्‍शन पर क्लिक करें। 
ऐसा करते ही आपकी स्‍क्रीन पर एक नया टैब खुल जाएगा। 
इम्‍प्‍लॉयर (नौकरी करने वाली कंपनी) और उस ईपीएफ अकाउंट को चुनें जिसके लिए एक्जिट डेट अपडेट करना चाहते हैं। 
कंपनी के अंतिम कॉन्ट्रिब्‍यूशन के बाद एक्जिट की तारीख केवल दो महीनों उपरांत ही दर्ज की जा सकती है। 
एक्जिट की डेट डालते वक्‍त आप कोई भी तारीख अंकित कर सकते हैं जिसमें कॉन्ट्रिब्‍यूशन किया गया है। 
ईपीएफओ के पासबुक रिकॉर्ड में आप इसे देख सकते हैं। 
साथ ही, नौकरी छोड़ने की तारीख और कारण को दर्ज करें।

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