माँ को 'मम्मी' क्यों पुकारते हैं, जबकि डिक्शनरी में ऐसा कोई शब्द ही नहीं है, जानिए | GK IN HINDI

भारत में कई भाषाएं और बोलियां हैं। हर क्षेत्र में भाषा में माता को पुकारने के लिए एक विशेष शब्द है परंतु चौंकाने वाली बात यह है कि 'मम्मी' शब्द किसी भी भाषा में उपलब्ध नहीं है। हिंदी की डिक्शनरी में ऐसा कोई शब्द ही नहीं है। सवाल यह है कि जब भारत की किसी भी भाषा में 'मम्मी' शब्द नहीं है तो फिर भारत के ज्यादातर हिस्सों में माता को मम्मी कहकर क्यों पुकारते हैं। आइए जानते हैं। 

मम्मी शब्द प्रचलन में कैसे आया

हिंदी एवं उर्दू भाषा के विशेषज्ञ मुंबई निवासी सुनील शर्मा बताते हैं कि हिंदी में माँ और अम्मा शब्द है, जो उर्दू में अम्मी बन गया और अम्मी शब्द हिंदी में फिर "मम्मी" बनकर आ गया। इसलिए यह शब्द आपको सिर्फ उन इलाको में सुनने को मिलेगा जहाँ उर्दू का प्रभाव रहा है, बाकी सब स्थानों पर "माँ" के लिए स्थानीय भाषा के शब्द ही प्रचलित है। यह सही है कि यह शब्द एक अपभृंश है, अम्मा का "अम्मी" और फिर "मम्मी" बन गया। मगर इसका सम्बन्ध जन्मदायी "माँ" से ही है। इसे आप अंग्रेजी में अपनी सुविधानुसार 'mammy' लिख सकते हैं लेकिन ज्यादातर लोग 'mummy' लिखते हैं। शायद वह नहीं जानते 'mummy' को हिंदी में 'ममी' कहेंगे। इसका अर्थ होता है एक शव जैसे रसायन में लपेटकर रखा गया है।

माँ शब्द का अर्थ क्या होता है

"हिन्दी का माता शब्द इंड़ो-यूरोपीय भाषा परिवार के सबसे पुराने शब्दों में एक है। इस शब्द की छाप आज भी इस कुनबे की ज्यादातर भाषाओं पर देखी जा सकती है। इसी वजह से संस्कृत का मातृ, जेंद अवेस्ता में मातर, फारसी-उर्दू में मादर, ग्रीक में meter, लैटिन mater यूनानी में जर्मन में muotar स्लाव में mati, डच में moeder और अंग्रेजी में मदर जैसे संबोधनसूचक शब्द देखने को मिलते हैं। विद्वान इस शब्द की उत्पत्ति अलग अलग ढंग से बताते हैं। संस्कृत में इसके जन्म के पीछे निर्माणसूचक ‘माँ’ धातु मानी जाती है यानि जो निर्माण करे वह माँ।

उर्दू भाषा के 'अम्मी' शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई

हिन्दी सहित कई भारतीय भाषाओं में माँ के लिए अम्मा सहित इससे मिलते जुलते शब्द चलते है जैसे कन्नड़ में अम्ब जो दरअसल संस्कृत के अम्बा से निकले हैं जिसका अर्थ माँ है। भाषा विज्ञानियों के मुताबिक मुस्लिम समाज में बोला जाने वाला अम्मी शब्द भी इससे ही निकला है अम्बा शब्द का मूलआधार संस्कृत धातु अम्ब् है।

पिता को संस्कृत में क्या कहते हैं

अम्बिका, अम्बालिका आदि शब्द भी इससे ही बने हैं जिनका अर्थ भी माता या देवी है। पार्वती को भी अम्बिका कहते हैं। गणेश का एक नाम आम्बिकेयः भी अम्बिकापुत्र होने के अर्थ में ही पड़ा। अम्ब् से ही बने अम्बः शब्द के मायने होते है पिता, आँख, जल आदि। गौर करें त्र्यंबक या त्र्यंबकेश्वर पर। यहां इस शब्द का त्रिनेत्र वाला भाव साफ समझ में आ रहा है अर्थात शिव।"
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