भोपाल। BUILDER BRAJESH SHUKLA द्वारा बनाए जा रहे यशोदा डिजायर के अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया है। आरोप है कि बिल्डर बृजेश शुक्ला नहीं दो टावरों को आपस में जोड़ने के लिए अवैध रूप से एक स्लैब बनाई थी इसके अलावा दोनों बिल्डिंग्स में बालकनी कवर करके लगभग 6000 स्क्वायर फिट का अवैध निर्माण कर लिया था। सोमवार को इस अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया। कार्रवाई में 7 घंटे लगे। याद दिलाने के बिल्डर बृजेश शुक्ला का नाम विवादित कामधेनु हाउसिंग सोसायटी के संचालक के रूप में भी दर्ज है। इनके खिलाफ एक FIR दर्ज है।
कामधेनु सोसायटी की गड़बड़ी सामने आने के बाद प्रशासन ने शुक्ला के अन्य प्रोजेक्ट की पड़ताल भी शुरू की थी। इसमें अहमदपुर कला में यशोदा डिजायर में बिल्डिंग परमिशन के विपरीत निर्माण की बात सामने आई थी। इस पर सोमवार को एसडीएम राजेश श्रीवास्तव के साथ नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर एसएस राठौर, सहायक यंत्री प्रदीप जड़िया, अतिक्रमण अधिकारी कमर साकिब और प्रभारी नासिर खान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
बिल्डर बृजेश शुक्ला और ज्योति शुक्ला के नाम दर्ज जमीनों की जांच कर रहा है प्रशासन
जांच में यह बात सामने आई है कि बृजेश शुक्ला और उनकी पत्नी ज्योति शुक्ला के नाम पर 550 एकड़ से अधिक जमीन दर्ज है। अन्य रिश्तेदारों के नाम पर कुल 38 एकड़ जमीन दर्ज है। अब प्रशासन यह पता लगाने में लगा है कि यह जमीनें कब और कैसे खरीदी।
कामधेनु हाउसिंग सोसाइटी मामले में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ
पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने कामधेनु के प्रमुख बृजेश शुक्ला समेत 13 संचालक और सदस्यों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। बृजेश ने 61 प्लाॅट कलेक्टर गाइडलाइन से कम दाम पर बेचे थे। जबकि 115 सदस्यों की राशि नहीं लौटाई थी। संचालक मंडल के अजय पाठक, अभय ओझा, पीके नंदी, राहुल सिंह, नवल सिंह, अतुल सरीन, अनिल गौड़, जावेद, एम पाठक, सतीश प्रजापति, गिरिजा बाई, वृंदा सैनी पर भी केस दर्ज हुआ है।