अब्दुल वसीम अंसारी/राजगढ़। मध्य प्रदेश सरकार ने जिला अस्पतालों के संचालन के लिए नियम और निर्देश तो बनाए हैं परंतु उनका पालन कराने की हिम्मत किसी में नहीं है। कलेक्टर से लेकर प्रमुख सचिव तक और पार्षद से लेकर सांसद तक सभी लोग अस्पतालों का निरीक्षण तो करते हैं परंतु खामियों पर कार्यवाही की हिम्मत कोई नहीं कर पाता। नतीजा मरीजों के लिए खरीदे गए स्टेशन पर माल ढुलाई हो रही है जबकि घायल पुलिस कर्मचारी को हाथों पर उठाकर ऑपरेशन थिएटर तक ले जाना पड़ा।
भोजपुर थाने के 2 पुलिस कर्मचारी रोड एक्सीडेंट का शिकार
मामला भोजपुर थाना क्षेत्र का है। थाना भोजपुर में पदस्थ आरक्षक अनिल और सुधाकर को जो कि बाइक पर सवार थे को, भोजपुर बायपास पर अज्ञात ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी जिससे अनिल को सर, आंख और कान में गंभीर चोट आई है। आरक्षक सुधाकर के पैर की हड्डी टूट गई और एक हाथ मे फ्रेक्चर हो गया। हालत गंभीर होने के कारण भोजपुर से राजगढ़ जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
अस्पताल में स्ट्रेचर था लेकिन घायलों के लिए नहीं
साथ ही पुलिस कर्मचारी जब घायल आरक्षको को लेकर जिला चिकित्सालय पंहुचे तो ट्रामा सेंटर के बाहर कोई स्ट्रेचर मौजूद नहीं था। जबकि शासन की ओर से स्ट्रेचर उपलब्ध कराए गए हैं। घायल आरक्षक अनिल जिनके सर,आंख और कान में चौंट आई थी उन्हें अपने हाथों से उठाते हुए जैसे तैसे OT रूम तक ले गए, लेकिन आरक्षक सुधाकर की पैर की हड्डी टूट जाने और हाथ मे फ्रेक्चर होने से हाथों से उठाने में भी आरक्षक को तकलीफ हो रही थी, साथी पुलिसकर्मी जैसे तैसे उन्हें भी उठाकर ले गए।
अस्पताल के स्ट्रेचर पर सिविल सर्जन के माल की ढुलाई हो रही थी
आस्पताल परिसर में ही इस घटना के तुरंत बाद ही एक दृश्य और आंखों के सामने नजर आया। पुराने सिविल सर्जन कार्यालय से सामान की ढुलाई हो रही थी। ढुलाई के लिए स्ट्रेचर का उपयोग किया जा रहा था। स्ट्रेचर पर सामान्य हो रहे अस्पताल के कर्मचारी मीडियाकर्मियों की नजर पड़ते ही स्ट्रेचर खड़ा कर आंखों से ओझल हो गए।
इनका कहना है:-
भोजपुर बायपास पर अज्ञात ट्रेक्टर की टक्कर से भोजपुर थाने के दो आरक्षक अनिल और सुधाकर को चोट आई है, जिन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है।
अजय मरकान, थाना प्रभारी भोजपुर
एक आरक्षक को चेहरे पर गम्भीर चोट आई है, जिसमे प्लास्टिक सर्जन की आवश्यकता पड़ेगी और एक आरक्षक की पैर की हड्डी टूट गई है, प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें भोपाल रेफर किया जाएगा।
डॉ प्रदीप माथुर, अस्थि रोग विशेषज्ञ