भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज किए गए मामले में कुठियाला ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। 20 जनवरी को उसकी सुनवाई है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर नहीं की तो कुठियाला की गिरफ्तारी हो सकती है। आरोप है कि पूर्व कुलपति कुठियाला जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
सोमवार को भी गोलमोल जवाब देते रहे कुठियाला
मध्य प्रदेश पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने सोमवार को एक बार फिर बीके कुठियाला को पूछताछ के लिए बुलाया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उनसे कुछ ऐसे स्टडी सेंटर्स के बारे में सवाल पूछे गए जो मंदिर और मांगलिक भवनों में बनाए गए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुठियाला ने इस बार भी गोलमोल जवाब दिए। वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
धोखाधड़ी पर 35 सवाल पूछे
कुठियाला व विवि के अन्य लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज धोखाखड़ी के मामले में कुठियाला से एक बार फिर पूछताछ की गई। वे दोपहर करीब डेढ़ बजे ईओडब्ल्यू मुख्यालय पहुंचे, जहां उनसे तीन घंटे तक सवाल-जवाब किए गए। शाम साढ़े चार बजे तक विवेचना अधिकारी ने करीब 35 सवालों पर उनका पक्ष जाना।
नहीं दिए स्पष्ट जवाब
ईओडब्ल्यू की पूरी पूछताछ विवि के अध्ययन केंद्रों पर केंद्रित रही, जिसमें अध्ययन केंद्रों के खोले जाने की प्रक्रिया से लेकर अनुशंसाओं के बारे में सवाल किए। अनुशंसाओं के बारे में कुठियाला ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वहीं, ईओडब्ल्यू ने माखनलाल विवि के दो ऐसे केंद्रों के बारे सवाल किए, जिनमें से एक मंदिर में चल रहा था तो दूसरा मांगलिक भवन में। ये दोनों अध्ययन केंद्र किसकी अनुशंसा से खुले तथा कौन संचालित कर रहा था? इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो वे सही जवाब नहीं दे सके।
20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगा कुठियाला की जेल यात्रा का फैसला
माखनलाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने अपने खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरण में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगा रखी है, जिसमें 20 जनवरी को सुनवाई संभावित है। वहीं, उन्होंने प्रकरण को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में जो याचिका लगाई थी, उसे अदालत ने खारिज कर दिया है। कुठियाला के पास या लास्ट चांस है। यदि सुप्रीम कोर्ट में उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिली तो उनकी गिरफ्तारी संभव है।