कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मामला दर्ज | INDORE NEWS

इंदौर। माफियाओं पर कार्रवाई के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजे जाने पर आगबबूला भाजपा नेताओं को संभागायुक्त के घर के बाहर धरना देना महंगा पड़ गया। इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने शनिवार देर रात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ,सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा (Kailash Vijayvargiya, MP Shankar Lalwani, MLA Ramesh Mendola, Mahendra Hardia, Gopi Nemaसहित 350 भाजपाइयों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है।   एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी ने बताया कि धारा 188 के तहत ये केस दर्ज किया गया है। शनिवार को विजयवर्गीय ने इस मुद्दे पर किसी से कोई बात नहीं की। 

दोपहर में दिल्ली रवाना हो गए। इस बीच उनका एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें उन्होंने सीएए पर कहा कि इस कानून को लेकर विपक्ष देशभर में भ्रम फैला रहा है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईअार पर भाजपा आग बबूला हो गई है। नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि पहले से पत्र दिया गया था, जिसमें साफ लिखा था कि कार्यकर्ताओं  के साथ प्रमुख नेता मिलने आना चाहते हैं। जानकारी लगी थी कि संभागायुक्त घर पर ही हैं, इसलिए वहां गए। कुछ देर में वापस भी लौट गए। कांग्रेस के दबाव में प्रशासन ठीक नहीं कर रहा।इस तरह की कार्रवाई करेंगे तो शासन-प्रशासन को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि अगर जनता और कार्यकर्ताओं की बात रखने पर भी एफआईआर होने लगी तो फिर क्या कह सकते हैं। प्रशासन का यह तरीका गलत है। विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि ये प्रजातांत्रिक अधिकारों का हनन है।  लोकतंंत्र का गला दबाने का प्रयास किया जा  रहा है। अधिकारियों से मिलना जनप्रतिनिधियों को अधिकार है।

सुमित्रा महाजन :

विजयवर्गीय हमारे राष्ट्रीय महासचिव हैं, मैं किसी पद पर नहीं हूं। इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। अगर कोई बात करना होगी तो संगठन से कहूंगी। 

रमेश मेंदोला: कांग्रेस के संस्कारों में ही हिंसा व नफरत 

कांग्रेस के संस्कारों में ही हिंसा और नफरत  है। जनता, जनप्रतिनिधि व लोकतंत्र के अपमान के विरोध में कैलाशजी ने अपना आक्रोश व्यक्त किया था।- 

दिग्विजय सिंह: नफरत की ही राजनीति की है हमेशा 

ये उनका कसूर नहीं है। बचपन से ही हिंसा अौर नफरत का रास्ता सिखाया गया, उसी से ये राजनीति करते आए हैं। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं।

सज्जन सिंह वर्मा : किसी की हैसियत क्या जो आग लगा दे 

वह संघ के पदाधिकारियों से पूछ ले आग लगाने के बारे में। इंदौर नपुंसकों का शहर नहीं है, वह निपटना जानते हैं। तेरी-मेरी हैसियत क्या है, उस इंदौर में आग लगा दे।

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