सभी होटलों में सफेद चादर क्यों बिछाई जाती है, क्या यह कोई टोटका है | GK IN HINDI

भारत में सस्ती धर्मशाला उसे लेकर 12 सितारा होटलों तक आपको सब कुछ मिल जाएगा। होटल सस्ता हो या महंगा लेकिन उसकी अपनी कुछ अलग पहचान होगी। हर होटल का मालिक अपने होटल की सुंदरता पर खास ध्यान देता है। वह अपने होटल को दूसरों के होटल से अलग दिखाने की कोशिश करता है लेकिन एक चीज है जो लॉज से लेकर 12 सितारा होटलों तक एक जैसी होती है और वह है सफेद रंग की चादर। कपड़े की क्वालिटी कुछ भी हो लेकिन चादर का रंग सफेद होता है। सवाल यह है कि जब सफेद रंग सबसे जल्दी गंदा हो जाता है तो फिर होटलों में सफेद रंग की चादर क्यों बिछाई जाती है। क्या इसके पीछे कोई मनोविज्ञान है या फिर यह होटल इंडस्ट्री का कोई टोटका है। यदि यह परंपरा है तो फिर से अब तक तोड़ा क्यों नहीं गया। आइए जानते हैं होटलों में सफेद रंग की चादर के पीछे का साइंस और मैनेजमेंट: 

सफेद चादर की चमक में रूम के दूसरे दाग छुप जाते हैं

होटल में जाने वाला हर व्यक्ति चाहता है कि उसके कमरे में ऐसी सफाई हो जो उसे कम से कम घर में तो नहीं मिलती। बेड पर सफेद चादर की चमक उसे मोहित कर लेती है। इसके साथ ही सफेद चादर के कारण रूम की दूसरी कमियों की तरफ ग्राहक का ध्यान ही नहीं जाता और वो झटपट बुकिंग कंफर्म कर देता है। 

सफेद रंग के चादर को ब्लीच करना सबसे आसान होता है

हालांकि सफेद रंग के चादर जल्दी से गंदे होते हैं परंतु सफेद कपड़ों पर ब्लीच करना सबसे आसान होता है। ब्लीच से चादर में नए जैसी चमक आ जाती है। दूसरे रंग के कपड़ों पर ब्लीच का जादू कम नजर आता है परंतु सफेद रंग सुहाना सा लगने लगता है। सबसे बड़ी बात यह कि सफेद चादर पर ब्लीच दूसरे रंग की तुलना में काफी कम खर्च होता है। 

गेस्ट रिलैक्स और रिच फील करते हैं

ज्यादातर घरों में सफेद रंग के चादरों का उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि महिलाओं को सफेद रंग के कपड़ों की धुलाई में सबसे ज्यादा वक्त लगता है। घरेलू महिलाएं सफेद रंग की चादर से नफरत करती हैं क्योंकि वह जल्दी गंदी हो जाती है। ज्यादातर घरों में सफेद रंग की कपड़ों को ब्लीच करने की परंपरा नहीं है। इसलिए जब उन्हें होटल में सफेद रंग का चादर मिलता है तो वह रिलैक्स और रिचफील करते हैं।

होटलों में सफेद रंग के चादर का उपयोग कब से शुरू हुआ

1990 के दशक से पहले, होटल में रंगीन चादरें इस्तेमाल की जाती थीं। उनका रखरखाव करना आसान होता था क्योंकि उसमें लगे दाग छुप जाते थे। जिसके बाद, वेस्टिन के होटल डिजाइनरों ने एक रिसर्च की, जिसमें कहा गया कि गेस्ट के लिए एक लक्जरी बेड का मतलब क्या होता है। जिसके बाद गेस्ट की हाइजीन क ध्यान में रखकर सफेद बेडशीट का ट्रेंड चल पड़ा। इस रिसर्च रिपोर्ट के बाद होटलों में सबसे ज्यादा पैसा बेड पर खर्च किया जाने लगा। 
Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
(current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !