RUN BHOPAL RUN: 54 साल के पदम कुदेसिया की मौत, एंबुलेंस तक नहीं मिली

भोपाल। बीते रोज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हुआ "रन भोपाल रन" में 54 साल के धावक श्री पदम कुदेसिया की मौत हो गई। वह अपनी जिंदगी में पहली बार दौड़ लगा रहे थे। बिना मेडिकल कि उन्हें दौड़ में भाग लेने की अनुमति दे दी गई। दौड़ते-दौड़ते अचानक बेहोश होकर गिर गए। प्रचारित किया गया था कि आयोजन के दौरान डॉक्टर और 40 एंबुलेंस उपलब्ध रहेंगे, लेकिन बेहोश हुए श्री पदम कुदेसिया को एक भी एंबुलेंस नहीं मिली। उन्हें पुलिस जीप में अस्पताल ले जाया गया। मृतक के भाई संजय का कहना है कि इलाज मिलने में देरी के कारण उनकी मौत हो गई। यदि घटनास्थल पर ही प्राथमिक इलाज मिल जाता तो आज पदम जिंदा होते।

दौड़ते-दौड़ते अचानक गिर पड़े पदम कुदेसिया 

रन भोपाल रन मैराथन में 54 साल के पदम कुदेसिया ने भी शिरकत की थी। पदम कुदेसिया ने जीवन में पहली बार किसी मैराथन में भाग लिया था। पदम कुदेसिया के भाई संजय कुदेसिया ने बताया कि पदम ने 5 किलोमीटर कैटेगरी वाली मैराथन में भाग लिया और लाल परेड ग्राउंड से होते हुए जब वो जनसंपर्क संचालनालय के पास बने के.एन.प्रधान तिराहे पर पहुंचे तो अचानक गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें पुलिस की जीप से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि उनकी मौत हार्ट-अटैक से हुई है।

समय पर इलाज मिलता तो पदम कुदेसिया आज जिंदा होते हैं

भाई की मौत के बाद संजय कुदेसिया ने आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। संजय कुदेसिया के मुताबिक मैराथन में भाग लेने से पहले आयोजकों को भाग लेने वालों का मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए था जो नहीं किया गया। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि मैराथन में 40 सरकारी एम्बुलेंस सेवा यानी (108) को ड्यूटी पर लगाया गया था और साथ ही में निजी अस्पतालों की 19 एम्बुलेंस भी तैनात की गईं थी लेकिन उनके भाई को पुलिस की जीप से अस्पताल ले जाया गया। यदि एंबुलेंस व डॉक्टर होते और समय रहते प्रारंभिक इलाज शुरू हो जाता तो पदम कुदेसिया शायद जिंदा होते। संजय कुदेसिया ने बताया कि इस तरह की मैराथन के कुछ अंतरराष्ट्रीय नियम होते हैं जिनका पालन नहीं किया गया।

बेटी डॉक्टर, पिता को एंबुलेंस तक नहीं मिली 

बता दें कि श्री पदम कुदेसिया इलाहाबाद बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर काम कर चुके हैं। इन दिनों एलएनसीटी यूनिवर्सिटी में जनरल मैनेजर (अकाउंट) थे। उनकी बेटी हो वाशिंगटन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। बेटी एक सफल डॉक्टर है लेकिन पदम कुदेसिया को इलाज के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली। संजय ने बताया कि बेटी वाशिंगटन से 4 दिसंबर को भोपाल पहुंचेगी। उसके बाद ही स्वर्गीय पदम का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!