भोपाल। लोकतंत्र की रक्षा के लिए सांप्रदायिकता और जातिवाद के खिलाफ पत्रकारिता सिखाने वाले संस्थान माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से उन सभी छात्रों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है जिन्होंने पत्रकारिता और विश्वविद्यालय में जातिवाद का विरोध किया था। इससे पहले यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट ने प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स के खिलाफ बलवा और शासकीय कार्य में बाधा जैसा गंभीर आपराधिक मामला दर्ज करा दिया।
अनुशासन समिति को फैसले के लिए सिर्फ संडे दिया
शनिवार को विवि प्रशासन ने अन्य छात्रों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी देखे। इसमें करीब 6 नए छात्रों की और पहचान की गई है। इस तरह अब तक कुल 16 स्टूडेंट्स लिस्ट किए जा चुके हैं। अब इन्हें विवि से बाहर करने की तैयारी है। यह मामला विवि की अनुशासन समिति को भेज दिया है और सोमवार तक रिपोर्ट मांगी है। इसी के आधार पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छात्रों का आरोप है कि विवि एडजंक्ट फैकल्टी का पक्षधर बना हुआ है। छात्रों की मांग के बाद भी इस मामले की जांच करने के बाद 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी जबकि छात्रों के मामले में दो दिन में ही रिपोर्ट मांगी गई है।
छात्र हिंसक प्रदर्शन नहीं कर रहे थे फिर भी पुलिस से पिटवाया, FIR दर्ज कराई
एबीवीपी के महानगर सहमंत्री अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि विवि प्रशासन ने कैंपस में पुलिस बुलाकर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार कराया है, लेकिन जातिवादी टिप्पणी करने वाली फैकल्टी के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया। एबीवीपी का आरोप है कि छात्रों की आवाज को दबाने के लिए उन पर जबरन एफआईआर दर्ज कराई गई है। यदि किसी भी व्यक्ति को तोड़फोड़ करने होती तो वे अपने साथ डंडे या पत्थर लेकर जाते, जबकि छात्र निहत्थे थे। इससे पहले मंडल सहित दोनों फैकल्टी के समर्थन में कुलपति कार्यालय के बाहर कुछ छात्रों ने धरना दिया।
आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के बाद
रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल का कहना है- सीसीटीवी फुटेज का परीक्षण भी किया गया है। अनुशासन समिति को प्रकरण सौंपा गया है। सोमवार को रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में की गई अनुशंसा के आधार पर छात्रों पर कार्रवाई की जाएगी।