जबलपुर। हिमालय की वादियों से टकराकर आ रही बर्फीली हवा के प्रभाव से ठंड ने छह साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया। कड़ाके की ठंड के बीच सुबह-सुबह घास, पौधे और पत्तियों पर जमी ओस की बूंदें बर्फ की चादर की तरह नजर आयीं। सुबह 7 बजे के करीब तापमान 4.4 डिग्री पर पहुंच गया। ये सीजन के साथ ही वर्ष 2013 के बाद तापमान का न्यूनतम स्तर है। पारे में गिरावट के कारण सुबह के समय कड़ाके की ठंड पड़ी। बाहरी इलाकों में ओस की बूंदें जम गईं।
धूप निकलने के बाद दोपहर को बर्फीली हवा की गति धीमी पडऩे पर कुछ राहत मिली। शाम होते ही ठंड ने फिर असर दिखाया। हवा के साथ ही सर्दी ने लोगों की कंपकंपी छुड़ाई। उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी का प्रभाव और ज्यादा रहा। लोग ठंड से बचने के लिए जतन करते रहे। शुक्रवार को पूरी रात तेज गति से चली बर्फीली हवा से शुक्रवार को सुबह पारा लुढक़-कर सामान्य से छह डिग्री तक नीचे चला गया। न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सूर्योदय के बाद उत्तरी हवा की गति धीमी पडऩे से अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
गुरुवार के मुकाबले अधिकतम तापमान करीब डेढ़ डिग्री बढकऱ 21.5 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। ये सामान्य से चार डिग्री कम है। आर्द्रता सुबह के समय 83 प्रतिशत और शाम को 47 प्रतिशत थीं। उत्तरी हवा 4-6 किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत गति से चली।
2013 - 3.4 डिग्री (8 जनवरी), 2014 - 4.8 डिग्री (28 दिसंबर), 2015 - 4.7 डिग्री (14 जनवरी), 2016 - 5.0 डिग्री (23 जनवरी), 2017 - 4.6 डिग्री (14 जनवरी), 2018 - 5.4 डिग्री (4 जनवरी), 2019 - 5.0 डिग्री (27 दिसंबर),