आपने देखा होगा, भारतीय परिवारों में देसी घी भोजन का एक अनिवार्य अंग होता है। यदि घर में 60 साल से अधिक आयु की कोई मां है तो यह पक्का है कि सर्दियों के मौसम में बच्चों की रोटियों पर देसी घी जरूर लगाया जाएगा। डॉक्टर कहते हैं कि घी खाने से हार्ट अटैक हो सकता है। सवाल यह है कि भारत में सर्दियों के मौसम में देसी घी खाने की परंपरा शुरू की गई। क्या यह परंपरा अपनी रईसी दिखाने के लिए थी या फिर इसके पीछे कोई विज्ञान है। आइए जानते हैं:
क्या देसी घी सर्दियों में ठंड से बचाता है
देसी गाय के घी को ब्रेन फूड भी कहा जाता है क्योंकि यह दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होता है। देसी घी में बने बेसन और गोंद के लड्डू में न केवल सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं, बल्कि इसका स्वाद भी शानदार होता है। खाद्य पदार्थों की तासीर तीन तरह की होती है- ठंडी, गर्म और सामान्य। देसी घी की तासीर गर्म होती है, जो कि सर्दियों में हमें ठंड से बचाती है। रोटी, दाल, खिचड़ी आदि में देसी घी डालकर खाना भी आपको पुष्ट बनाता है।
क्या तेरी आंखों की रोशनी बढ़ाता है, चश्मा उतर जाता है
देसी घी में विटामिन ए होता है, जो आंखों की रोशनी के लिए काफी अच्छा होता है। यह आंखों के दबाव को भी नियंत्रित करता है। साथ ही यह ग्लूकोमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
सर्दियों में कब्ज का इलाज क्या है, देसी घी से फायदा होगा
सर्दियों में कब्ज की समस्या आम होती है। यदि आपको भी कब्ज की शिकायत हो तो सोने से पहले 200 एमएल गर्म दूध में दो चम्मच देसी घी मिलाकर पिएं, बहुत लाभ होगा। देसी घी पाचन क्रिया को ठीक रखने में काफी मददगार होता है।
सर्दी-खांसी और कफ के मरीज है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिले, न्यासा के बारे में पूछें
सर्दियों के मौसम में ठंड लगने, सर्दी-खांसी और कफ होने की समस्या आम होती है। ऐसे में एक आयुर्वेदिक उपाय है- न्यासा। इस प्रक्रिया में देसी घी की कुछ बूंदें नाक में डाली जाती हैं। हालांकि इस बारे में आयुर्वेद के डॉक्टर या घर के बुजुर्गों की सलाह ली जा सकती है।
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