डॉ सीमा, विकास एवं सीताराम के खिलाफ FIR: व्यापम घोटाला STF जांच-2 | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल व्यापम घोटाले में स्पेशल टास्क फोर्स में दूसरी बार जांच शुरू कर दी है। इस बार उन 197 शिकायतों की जांच हो रही है जो सीबीआई के कारण जांच की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाई थी। एसटीएफ ने जांच प्रक्रिया बंद कर दी थी और सीबीआई ने इन शिकायतों की जांच करने से इनकार कर दिया था। व्यापम घोटाला STF जांच-2 के तहत सबसे पहली FIR तीन ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ हुई है जो MBBS की डिग्री हासिल करने के बाद इन दिनों प्रैक्टिस कर रहे हैं।

डॉ सीमा पटेल, डॉ विकास अग्रवाल और डॉक्टर सीताराम शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज

एसटीएफ ने पीएमटी परीक्षा-2004 केस में सीमा पटेल, पीएमटी परीक्षा-2005 केस में विकास अग्रवाल और पीएमटी परीक्षा-2009 केस में सीताराम शर्मा को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों ने शासकीय मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र का उपयोग कर पीएमटी परीक्षा के माध्यम से राज्य कोटा का लाभ लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और योग्य छात्रों को उस स्थान के चयन से वंचित रखा। जांच में इन सभी के मूल निवासी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र को तैयार किया था। दस्तावेजों को जांचे बिना इन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी गई। हैरानी की बात ये है कि इनके एडमिशन हुए और नौकरी भी लगी। आरोपी सीमा पटेल ने सागर, विकास अग्रवाल ने दतिया और सीताराम शर्मा ने मुरैना से मूल निवासी प्रमाण पत्र तैयार किए। इन तीनों के अलावा एफआईआर में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। 

क्या इस बार की जांच में सभी खुलासे हो पाएंगे 

कमलनाथ सरकार ने व्यापम घोटाले की दूसरी बार जांच तो शुरू करा दी है परंतु बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार उन सभी नामों का खुलासा हो पाएगा जिन की संलिप्तता के बारे में जानते तो सभी हैं लेकिन जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ अब तक कोई सबूत नहीं मिल पाए थे। या फिर जांच एजेंसियों ने हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने की कोशिश ही नहीं की। सीबीआई पर तो यह भी आरोप लगे हैं कि उसने अपनी जांच में हाई प्रोफाइल लोगों को बचाने की कोशिश की। 

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