उज्जैन। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation) ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय का बैंक अकाउंट सीज कर दिया है। आरोप है कि यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने पिछले 29 साल से अस्थाई कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड जमा नहीं किया था। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यह कार्रवाई वसूली के लिए की है।
85 अस्थाई कर्मचारियों का PF 1982 से जमा नहीं कराया
1.38 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि की वसूली के लिए बैंक प्रबंधन ने विवि के खाते को सीज कर दिया है। इस खाते में जमा राशि से ही अब भविष्य निधि की बकाया राशि निकाल कर बैंक प्रबंधन द्वारा जमा करवाई जाएगी। विश्वविद्यालय में कार्य करने वाले 85 अस्थाई दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि वर्ष 1982 से लेकर 2011 तक जमा नहीं हुई है।
लेखा विभाग में खंगाले जा रहे दस्तावेज
खाते सीज होने की जानकारी आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन भी सकते में आ गया। तत्काल लेखा विभाग से भविष्य निधि से संबंधित जानकारियां मांगी गई। शाम तक लेखा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पुराने दस्तावेज खंगालते रहे।
विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति का बयान
बैंक प्रबंधन द्वारा ही हमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के बकाया राशि और बैंक खाते सीज होने की जानकारी मिली है। लेखा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को इस संबंध में पुराने सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. बालकृष्ण शर्मा, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय