भोपाल। कांग्रेस पार्टी देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (citizenship Amendment Act) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (national register of citizens) का विरोध कर रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं जो इस विरोध प्रदर्शन के सूत्रधार हैं। एक सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह ने बताया कि आखिर क्यों वह सीएए/ एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। CAA/NRC को देश के लिए खतरा क्यों बताया जा रहा है।
CAA का विरोध क्यों कर रही है कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मामला सीएए का नहीं, सवाल भारतीय संविधान का है। संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हुआ है। एक बार यदि किसी ने इसकी प्रभुता को चुनौती दे दी, तो भारतीय संविधान का मूल ही समाप्त हो जाएगा। यदि इसे स्वीकार कर लिया तो भविष्य में धर्म के आधार पर कोई भी नया नियम बनाया जा सकेगा। विधान के मूल उद्देश्य की रक्षा करना हर भारतीय नागरिक का धर्म है।
NRC से क्या आपत्ति है
दिग्विजय सिंह कहते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (national register of citizens) का हम लोग विरोध इसलिए करते हैं कि असम (Assam) जैसे छोटे राज्य में 11 साल लगे और 1600 करोड़ रुपए खर्च हुए। अब उस हालात में एनआरसी को कैसे मंजूर कर लें। जो देश के नागरिकों का हक छीने और नागरिकों से कहे कि तुम प्रमाणित करो कि तुम देश के नागरिक हो, उसके बारे में क्या कहा जाए।
केंद्र सरकार ने कानून बनाने से पहले राज्य सरकारों से कोई बात नहीं की
दिग्विजय सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भारत के किसी भी राज्य से चर्चा नहीं की गई। बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने की कांग्रेस की मांग थी, लेकिन उसे नहीं भेजा गया। केवल बहुमत के आधार पर लोगों पर दबाव डालकर बिल पास कराया गया, जो अव्यवहारिक है। सिंह ने कहा कि हम देश का विकास चाहते हैं। भारत में सभी धर्मों के लोगों का सम्मान होना चाहिए। उनका भारत के संविधान में विश्वास होना चाहिए। सरकार को विश्वास पैदा करना चाहिए, क्योंकि संविधान में जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव की बात नहीं कही गई है। समता मूलक समाज की बात कही गई है, उसका सरकार को पालन करना चाहिए।
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