भोपाल। कमलनाथ सरकार को उनका वचन याद दिलाने और अपनी नौकरी बचाने के लिए अतिथि विद्वानों की रैली भोपाल पहुंच चुकी है। कमलनाथ सरकार की ओर से जनसंपर्क मंत्री श्री पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि अतिथि विद्वान यदि धरना देना चाहते हैं तो दे, जिसमें कोई दिक्कत नहीं है। यह प्रजातंत्र है।
अतिथि विद्वानों के साथ भी न्याय होगा, इंतजार करें: मंत्री पीसी शर्मा
सहायक प्राध्यापकों के बाद अब अतिथि विद्वानों के नीलम पार्क में धरने को लेकर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि, 'धरना दें ये प्रजातंत्र है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।' उन्होंने कहा कि कमलनाथ की सरकार में सबको न्याय मिलेगा। वचन पत्र में जो वादा किया गया था, उन वचनों को पूरा करेंगे। अतिथि विद्वानों के साथ भी न्याय होगा, सही समय का इंतजार करें।
रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को समायोजित करेंगे: उच्च शिक्षा मंत्री
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने निर्देशित किया है कि अतिथि विद्वानों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। इसके लिए 11 दिसंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होना चाहिए: पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता
अतिथि विद्वानों के सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने पर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि, 'वोट लेने से पहले वादा किया था तो वादा पूरा कीजिए, आपकी नैतिक जवाबदारी है। 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे नहीं किया, 90 दिन में नियमित करेंगे, नहीं किया है तो ये धोखाधड़ी है। वादा खिलाफी को लेकर आप पर धोखाधड़ी का केस दर्ज होना चाहिए। जनता ने जिन वादों पर वोट दिया है उनको पूरा करना चाहिए।
अतिथि विद्वान: छिंदवाड़ा से खदेड़ा तो भोपाल आ गए
बता दें कि अतिथि विद्वान मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकजुट हुए थे। पुलिस एवं प्रशासन ने उन्हें छिंदवाड़ा की सीमाओं के बाहर ही रोक दिया। दूसरे दिन अतिथि विद्वानों को बसों में भरकर पिपरिया छोड़ दिया ताकि वह वापस छिंदवाड़ा ना पाए। गुस्साए अतिथि विद्वान पिपरिया से भोपाल की तरफ बढ़ने लगे। आज सोमवार को भोपाल पहुंच चुके हैं। मंगलवार 10 दिसंबर से राजधानी में उनका प्रदर्शन शुरू हो जाएगा।