अतिथि विद्वानों को पुलिस ने छिंदवाड़ा से 13 किलोमीटर पहले रोका, महिलाओं सहित धरना शुरू | ATITHI VIDWAN NEWS

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पिछले 20 साल से अध्यापन कार्य कर रहे अतिथि विद्वान कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर उनके निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में रैली लेकर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें छिंदवाड़ा से 13 किलोमीटर पहले ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों में महिला अतिथि विद्वान भी हैं। सभी लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा का कहना है कि यदि कोई घटना होती है तो इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ जिम्मेदार होंगे।

अतिथि विद्वानों को छिंदवाड़ा से 13 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया

अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्वाचन क्षेत्र छिन्दवाड़ा में एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। स्थानीय साथियों के साथ पूरे प्रदेश भर से छिन्दवाड़ा पहुंच रहे अतिथि विद्वानों की संघर्ष समिति का निर्माण किया गया है। इस बार अतिथि विद्वान मुख्यमंत्री के गृह जिले में आरपार की लड़ाई के मूड में दिख रहे है। किन्तु छिन्दवाड़ा पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा उन्हें लिंगा से 3 किलोमीटर पहले एवं छिन्दवाड़ा से 13 किलोमीटर पूर्व रोक दिया गया है। 

महिला अतिथि विद्वानों के साथ सड़क पर बैठे हैं संघर्ष मोर्चा के लोग

पुलिस एवं जिला प्रशासन की इस कार्यवाही से आक्रोशित अतिथि विद्वान सड़क पर बैठ कर प्रशासन की इस दमनकारी नीति का विरोध कर रहे है। मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है की हमने विधिसम्मत तरीके से जिला प्रशासन से शांतिपुर्वक यात्रा कि अनुमाती हेतु आवेदन लगाया है। अनुमति मिलने की प्रत्याशा पर हमने यात्रा की शुरुआत की थी किन्तु छिन्दवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा हमें शहर से लगभग 13 किलोमीटर पूर्व ही रोक दिया है। हमारे साथ महिला अतिथि विद्वान साथी भी है। ऐसी स्थिति में हम कहाँ जाएं। किसी भी साथी के साथ यदि कोई अप्रिय घटना घट जाए तो किसकी ज़िम्मेदारी होगी। 

वचनपत्र की कंडिका 17.22 में कांग्रेस ने अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वचन दिया है

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के हज़ारों उच्च शिक्षित अतिथि विद्वान कई वर्षों से अपने नियमितीकरण की बाट जोह रहे थे। विपक्ष में रहते कांग्रेस पार्टी ने वचनपत्र की कंडिका 17.22 के अनुसार उन्हें नियमित करने का वचन दिया था। कांग्रेस ने वक़्त है बदलाव का नारे के साथ प्रदेश के अतिथि विद्वानों, शिक्षित बेरोजगारों और बदहाल किसानो के प्रचंड समर्थन से सत्ता में वापसी की किन्तु कांग्रेस का तो वक़्त बदला जबकि अतिथि विद्वानों की स्थिति में कोई सुधार नही हुआ। हाल यह है कि वचन पूरा न करने के बाद सरकार अब विवादित सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा से नई नियुक्तियां प्रारम्भ कर दी है, जिससे अतिथि विद्वानों को नौकरी से बाहर होने का खतरा पैदा हो गया है। 

सीएम कमलनाथ ने वचन अतिथि शिक्षकों को दिया नौकरी पीएससी चयनित उम्मीदवारों को दे रहे हैं

उल्लेखनीय है की मामला अभी उच्चन्यायालय में विचाराधीन है किंतु अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा किये बिना सरकार नियुक्तियों की जल्दबाजी में है। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने वचन अतिथि विद्वानों को दिया था जबकि नौकरी तथाकथित चयनितों को दे रही है। ऐसा करके सरकार ने अपना वचन तोड़ा है। इस वादाखिलाफी से न सिर्फ अतिथि विद्वानों का बल्कि आमजन का भी भरोसा कांग्रेस पार्टी से कम हुआ है। हम मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर मे इसका विरोध करेंगे व अपने अधिकार प्राप्ति के लिए 2 अक्टूबर से प्ररे प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान द्वारा तालाबंदी करके अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल और आंदोलन मुख्यमंत्री की गृहनगर में किया जाएगा। वहीं महिला अतिथि विद्वान इस बार आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाली है।

मंत्री जीतू पटवारी ने दिया झूठा आश्वासन

अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांत प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि 12 अक्टूबर की अतिथि विद्वानों की न्याय यात्रा में नीलम पार्क पहुँचे विभागीय मंत्री जीतू पटवारी ने वादा किया था कि अतिथि विद्वानों के समायोजन के बाद ही हम नई नियुक्तियां देंगे जबकि बिना कोई समुचित व्यावस्था किये आनन फानन में नियुक्ति पत्र निकाले जा रहे है। फलस्वरूप हमारे अतिथि विद्वान साथी फालेन आउट होकर घर बैठ रहे है। रतलाम, सीधी व सतना समेत कई जिले के हमारे साथी फालेन आउट कर दिए गए है। जबकि 12 अक्टूबर को मंत्रीजी ने फालेन आउट का कारण बनी विभागीय आदेश की कंडिका 3 को 2 दिवस में विलोपित करवाने का आश्वासन दिया था। आज 2 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी ऐसा कोई आदेश नही दिया गया है एवं अतिथि विद्वान समुदाय में सरकार के प्रति घोर निराशा एवं असंतोष व्याप्त है।

हजारों अतिथि विद्वान छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं

सरकार और एकउच्च शिक्षा विभाग की वादाखिलाफी से आक्रोशित हज़ारों अतिथि विद्वान छिन्दवाड़ा की ओर कूच कर रहे है। जहां पर बड़े जंगी प्रदर्शन, भूख हड़ताल व अनिश्चित कालीन धरने की योजना है। प्रदेश की उच्च शिक्षा को पिछले 2 दशकों से अपने खून पसीने से सींचने वाले अतिथि विद्वान इस बार सरकार से आर पार की लड़ाई के मूड में है।

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