हजारों चमत्कारी जड़ी बूटियां, 100 से ज्यादा प्रसिद्ध वैद्य (आयुर्वेदिक चिकित्सक), केवल 1 दिन के लिए

भोपाल। ऐसा अवसर साल में सिर्फ एक बार आता है। वह भी केवल 2 दिन के लिए। 2 में से 1 दिन गुजर चुका है सिर्फ 1 दिन शेष है। बात हो रही है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगे अंतर्राष्ट्रीय वन मेले की। इस मेले में 10 लाख से ज्यादा जड़ी बूटियां और 100 से ज्यादा प्रसिद्ध वैद्य आए हुए हैं। बताने की जरूरत नहीं की यहां उन सभी जटिल बीमारियों का इलाज उपलब्ध है, जिसके लिए लोग देश के सबसे टॉप क्लास सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से निराश होकर लौट आते हैं।

नेपाल, भूटान सहित मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश ने यहां लगभग 275 स्टॉल लगाये हैं। मेले में स्थापित की गई चिकित्सा ओपीडी में 100 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सकों और अनुभवी वैद्यों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश बांस मिशन एवं जिला यूनियन उत्तर बालाघाट के स्टॉल पर बांस से बने फर्नीचर और हस्तशिल्प खरीदने और देखने में लोग बहुत रूचि ले रहे हैं। बांस से बने उल्लू, मोर, आभूषण , हस्तशिल्प आदि लोगों को काफी लुभा रहे हैं। बांस का फर्नीचर न केवल देखने में सुंदर होता है बल्कि टिकाऊ होने के साथ इसका रख-रखाव भी काफी आसान होता है।

भूटान के स्टॉल पर हर्बल मसाज ऑयल, बाम, साबुन की काफी मांग है। वहीं आंवले से बने विभिन्न उत्पादों की भी खासी बिक्री हो रही है। लघु वनोपज संघ के बरखेड़ा पठानी स्थित एमएफपी पार्क की प्रदर्शनी, इसके उत्पाद और औषधीय पौधे पूर्ण जानकारी के साथ प्रदर्शित हैं। लोग पौधे और उसके अंगो का औषधीय जानकारी लेने में भी काफी रूचि ले रहे हैं। कर्नाटक के स्टॉल पर विशेष जड़ी-बूटी से बना केश तेल भी काफी ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है।

मेला प्रांगण में आज सुबह 11 बजे से स्कूली छात्र-छात्राओं के लिये चित्रकला एवं गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उपस्थित लोगों ने मूक-बधिर बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुति का काफी सराहा और शाम को खरीददारी के साथ मैजिक शो और आर्केस्ट्रा का भी भरपूर आनंद लिया। मेले के फूड जोन में आगंतुकों के लिये हर्बल उत्पादों से बने लजीज व्यंजनों के स्टॉल भी लगाये गये हैं।

श्री सुनील पाल का लाफ्टर शो

वन मेले में 20 दिसंबर को मुम्बई के कॉमेडी कलाकार श्री सुनील पाल का रात 8 से 9:30 बजे तक लाफ्टर शो होगा। इसके अलावा सुबह 10 बजे से 'अकाष्ठीय वनोपज का उत्तरदायी प्रबंधन-पहुंच एवं हितलाभ साझाकरण' विषय पर कार्यशाला, दोपहर 11:30 से 2 बजे तक स्कूली छात्र-छात्राओं के नृत्य प्रतियोगिता और शाम 4 से 4:30 बजे तक मालवी गायन होगा।
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