इंदौर। एबी रोड पर तैयार हो रहे शहर के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल जोडिएक (Shopping mall Zodiac) के काम पर रोक लगने जा रही है। पटवारी के फर्जी नक्शे के आधार पर मॉल संचालक ने टीएंडसीपी व नगर निगम से मॉल का नक्शा पास करवा लिया। एक शिकायत के बाद इसका खुलासा हुआ तो सारी पोलपट्टी खुल गई। ये बात भी सामने आई कि हाउसिंग सोसायटी की भी जमीन इसमें शामिल है।
कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन को एक शिकायत हुई थी। इसमें बताया गया था कि मेसर्स साईं कॉर्पोरेशन द्वारा तेजपुर गड़बड़ी की सर्वे नंबर 307/8/1, 308/2/2, 308/3/12, 308/5/2, 307/7/1, 307/8/2, 308/2/1, 308/3/1, 308/5/3, 308/4 पैकि, 308/2 पैकि कुल 1.293 हेक्टेयर जमीन पर जी प्लस 10 का भव्य शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन कम्पनी के सुमित, दीपेश, विवेक चुघ ने टीएंडसीपी से फर्जी नक्शा पास करवा लिया है। ये मामला राऊ एसडीओ रवि कुमार सिंह के पास पहुंचा। इस पर उन्होंने जांच करने के आदेश जारी कर दिए।
हाल ही में नायब तहसीलदार संजय गर्ग ने एसडीओ सिंह को मौका जांच करके रिपोर्ट सौंप दी। बताया गया कि मौके पर श्यामलाल चुघ उपस्थित हुए। उन्होंने अनुमतियां संबंधी कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए। जमीन बटांकन का वो नक्शा पेश किया, जिसके आधार पर नगर निगम, टीएंडसीपी, डायवर्शन और अन्य जगहों की अनुमति ली है। यह नक्शा वर्तमान पटवारी नक्शे व कम्प्यूटर नक्शे से मैच नहीं हो रहा। कॉर्पोरेशन के बटांकन तरमीम को भी चुघ द्वारा पेश नक्शे में बताया गया है कि ज्योति गृह निर्माण की शेष जमीन व अन्य व्यक्तियों की जमीन के बटांकन नक्शे में तरमीम होना थे, जो नहीं हुए।
नायब तहसीलदार गर्ग ने बताया कि मेसर्स साई कॉर्पोरेशन ने बटांकन नंबर स्वीकृत नक्शा कहां से प्राप्त किया है उसका प्रमाण, दस्तावेज, प्रस्तुत नहीं किए हैं। उसी हस्त ट्रेस नक्शे से उनके द्वारा सभी विभागों से अनुमति ली गई, जबकि पटवारी नक्शे में कम्प्यूटर नक्शा शीट में उनकी जमीन के बटांकन नक्शा तरमीम नहीं है। इस कारण से अब प्रकरण में टीएंडसीपी पटवारी नक्शे अनुसार इन जमीनों के दस्तावेजों की जांच की जाना अतिआवश्यक हो गई है। मौके पर जांच की कार्रवाई पूर्ण होने तक शॉपिंग मॉल के निर्माण कार्य को तत्काल रोके जाने के निर्देश दिए जाए। स्पष्ट होता है कि जमीन के संबंध में टीएंडसीपी नक्शा व दस्तावेजों की नियमानुसार जांच की जाना आवश्यक है। जांच पूरी होने तक मौके पर निर्माण कार्य रोका जाना उचित प्रतीत होता है।