MPTET: संस्कृत का पेपर सरल था, अंग्रेजी का कठिन तो फिर नॉर्मलाईजेशन कैसे किया

Bhopal Samachar
प्रति, डायरेक्टर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षक भर्ती ऑनलाइन परीक्षा 2018 में इस परीक्षा का पाठ्यक्रम कुल चार खंडो में विभाजित था जिसमें दो खंड (30+60=90 अंक) का सभी के लिए अनिवार्य एवं दो खंड (30+30=60 अंक) का ऑप्शनल था जिसमें प्रथम एवं द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी, अंग्रेजी,संस्कृत, उर्दू आदि भाषाओं में से किन्ही दो का चयन करना अनिवार्य था।अतः अभ्यर्थियों ने अपनी योग्यता,रूचि, एवं पूर्व वर्ष के पेपर्स का विश्लेषण कर इनका चुनाव किया।

इसमें द्वितीय भाषा अंग्रेजी और संस्कृत के लेवल में काफी अंतर रहा संस्कृत काफी सरल पूछी गयी एवं अंग्रेजी बहुत कठिन। अन्य भाषाओं के स्तर में भी अंतर हो सकता है। द्वितीय भाषा संस्कृत का पेपर सेट करने में कितनी लापरवाही हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिनाँक 24.02.2019 की द्वितीय पाली एवं 26.02.2019 की प्रथम पाली में द्वितीय भाषा संस्कृत का पेपर एक सामान था जो की अन्य भाषा वालो के साथ अन्याय है।

संस्कृत भाषा अपेक्षा कृत सरल एवं चिर परिचित विषयों से गद्यांश, पद्यांश (जबकि सिलेबस अनुसार अपठित आना था) आने के कारण तीन खंडो में कम अंक आने वाले अधिकांश अभ्यर्थियों के कुल अंक अधिक जवकि जबकि अंग्रेजी भाषा लेने वालों के तीन खंडो में टॉप होने के बाबजूद केवल अंग्रेजी के कठिन स्तर के कारण कुल अंक कम आये हैं।केवल एक भाषा के अंतर के कारण समान स्तर के अभ्यर्थियों के प्राप्तांको में 8 से 15 अंको का अंतर आया है।और भर्ती ओवरआल अंको के आधार पर होना है।

रूल बुक अनुसार नॉर्मलाईजेशन अलग अलग शिफ्टों में होता है जबकि पेपर के कठिनाई स्तर में अंतर एक ही शिफ्ट में अलग अलग भाषा समूह के आधार पर भी आया है। अतः नॉर्मलाईजेशन में कठिन स्तर वालों के नंबर और कम हो सकते हैं।

अतः महोदय जी से निवेदन है कि उक्त तर्कों को ध्यान में रखते हुए अलग अलग शिफ्टों के साथ साथ एक ही शिफ्ट में भाषा समूहों के आधार पर अभ्यर्थियों को वांट कर नॉर्मलाईजेशन करने की कृपा करें,ताकि परीक्षा में निष्पक्षता बनी रहे और बिना किसी भेदभाव के योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो सके।

भवदीय
सविता पटेल
माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थी
रो. न. 84748758
मो.9893158948

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