MP BJP: जिलाध्यक्ष की आयु सीमा में 5 साल की राहत, 5 जिलों में चुनाव स्थगित

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री सुहास भगत ने मध्य प्रदेश के कुछ खास जिलों में जिला अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित 50 साल आयु सीमा में 5 साल की छूट दे दी है इन जिलों में अब 50 साल से अधिक लेकिन 55 साल से कम उम्र के नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। आधिकारिक रूप से कहा गया है कि या फैसला संगठन को मजबूत रखने के लिए किया गया है। 

जिन जिलों में 50 साल से कम आयु वाले नेता योग्य नहीं वहां राहत 

भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा है कि जिन जिलों में केंद्र द्वारा निर्धारित 50 साल से कम आयु सीमा वाले योग्य जिलाध्यक्ष नहीं मिल रहे हैं वहां यह छूट दी जा रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार ऐसे नेताओं को जिला अध्यक्ष पद के लिए चुना चाहती है जो विपक्ष की भूमिका निभा सकें। कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम कर सकें। सूत्रों का कहना है कि गुटबाजी के चलते अपने पसंदीदा नेताओं को जिला अध्यक्ष का पद दिलाने के लिए इस तरह का प्रपंच रचा गया है।

5 जिलों में भाजपा जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया रोकी गई

भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के 5 जिलों में जिला अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इन पांच में से 3 जिले ग्वालियर शहर, होशंगाबाद एवं सिवनी ऐसे हैं जहां भाजपा संगठन के भीतर गुटबाजी चरम पर है। यह गुटबाजी इतनी अधिक बढ़ गई है कि मंडल अध्यक्षों के चुनाव भी पूरे नहीं हो पाए हैं। इन जिलों के जिलाध्यक्ष का चुनाव भोपाल में बैठकर किया जाएगा। झाबुआ में हाल ही में विधानसभा उपचुनाव होकर निपटा है। हालांकि यह कारण नहीं है लेकिन फिर भी इस कारण का उपयोग करते हुए झाबुआ का जिला अध्यक्ष चुनाव रोक दिया गया है। इसके अलावा शहडोल में नगरीय निकाय उपचुनाव के कारण जिला अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है।

भाजपा में जिलाध्यक्ष पद के लिए योग्यता के अलावा गुटबाजी और जातिवाद भी जरूरी 

भारतीय जनता पार्टी में जिला अध्यक्ष पद के लिए योग्यता के अलावा जाति को भी महत्व दिया जा रहा है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित हुई बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने स्पष्ट निर्देश जी की जिला अध्यक्ष के चुनाव में बड़े नेताओं की पसंद का ध्यान रखा जाए। उसके अनुसार कार्यकर्ताओं की एक राय बनाई जाए। इसके अलावा जाति का भी ध्यान रखा जाए। एक संभाग में एक जाति का एक ही जिलाध्यक्ष हो। 

निवाड़ी को पहली बार मिलेगा अपना जिलाध्यक्ष 

मध्य प्रदेश के 52वे जिले निवाड़ी को पहली बार अपना जिलाध्यक्ष मिलेगा। सरकार ने निवाड़ी को टीकमगढ़ से अलग करके जिला घोषित कर दिया था परंतु भाजपा ने अब तक निवाड़ी को टीकमगढ़ के अधीन रखा था। पहली बार निवाड़ी को अपना जिलाध्यक्ष मिलेगा। 

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