भोपाल। पिछले दिनों झाबुआ उपचुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने कहा था कि अभी 1-2 सीटें और आएंगी और आज भाजपा के एक विधायक ने कमलनाथ को समर्थन का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से भाजपा विधायक शरद कोल (BJP MLA Sharad Kol) ने कहा है कि वह भाजपा से विधायक जरूर है परंतु उनका समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ को है।
मध्यप्रदेश में भाजपा को एक और झटका लग सकता है। भाजपा के विधायक शरद कोल ने एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। शरद कोल ने कहा है कि मैं कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के कामकाज से संतुष्ट हूं और सीएम कमल नाथ के साथ हूं। बता दें कि शरद कोल शहडोल जिले की ब्यौहारी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। विधानसभा सत्र के दौरान शरद कोल ने कमल नाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की थी।
शरद कोल ने कहा- मैंने भाजपा नहीं छोड़ी है मैं अभी भी भाजपा का सदस्य हूं। उन्होंने कहा कि मेरी गिनती आज भी भाजपा सदस्यों के रूप में होती है। अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए मैं कमल नाथ सरकार के साथ हूं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दिसंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में जल्द खुलासा हो जाएगा कि मैं किस पार्टी के साथ हूं। इसके साथ ही उन्होंने दिसंबर महीने में होने वाले विधानसभा सत्र में कई बड़े खुलासे होंगे।
बीते 13 दिनों में भाजपा को ये तीसरा बड़ा झटका है। 24 अक्टूबर को भाजपा की झाबुआ उपटुनाव में हार हुई थी। वहीं, 2 नवंबर को पन्ना जिले के पवई विधानसभा से विधायक प्रहलाद सिंह लोधी की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था। उसके बाद अब शरद कोल का कांग्रेस सरकार के समर्थन की बात से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने का दावा करने वाली भाजपा का दांव उस वक्त उल्टा पड़ गया था। जब भाजपा के दो विधायकों ने सदन में दंड विधि (संशोधन) विधायक पर सरकार के पक्ष में वोटिंग की थी। भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने से कमल नाथ सरकार मजबूत हुई थी। भाजपा के नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने सरकार के समर्थन में वोटिंग की थी।
विधायक शरद कोल ने अपना सुर बदल लिया था। शरद कोल ने कहा था- मैं आज भी भारतीय जनता पार्टी का विधायक हूं। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमें जिसके पास जाना पड़ेगा जाएंगे इसका मतलब ये नहीं है कि हमने अपना घर छोड़ दिया है। मैं भाजपा का विधायक हूं और भाजपा के ही साथ हूं।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस की टिकट मांगी थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और ब्यौहारी सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। वह चुनाव जीत कर विधायक बन गये। ब्यौहारी आदिवासी बहुत इलाका है, परिसीमन के बाद ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।