इंदौर। इंदौर में सामान्यतः अक्टूबर माह में बारिश का दौर खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर के बाद नवंबर माह में बारिश का असर दिखाई देगा। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में करीब 12 साल बाद बने सुपर साइक्लॉन 'क्यार' के असर के कारण पश्चिमी मप्र का हिस्सा प्रभावित हो रहा है और यहां पर हल्की बारिश की स्थिति बनी हुई है।
गौरतलब है कि अरब सागर में 2007 में सुपर साइक्लॉन आया था और इस बार फिर से यह स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर में दूसरा चक्रवात 'महा' लक्षद्वीप के पास बना हुआ है, जब वो उत्तर दिशा की ओर आगे बढ़ेगा तो इससे भी पश्चिम मप्र (इंदौर-उज्जैन संभाग) में नमी आएगी और इसके असर के कारण नवंबर माह के शुरुआती सप्ताह में बारिश होने की संभावना है। भोपाल स्थित मौसम केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक ममता यादव के मुताबिक इस बार मानसून का परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा है। यही वजह है कि मप्र ही नहीं, इसके आसपास के राज्य जैसे राजस्थान व अन्य इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। इंदौर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में आर्द्रता होने के कारण पिछले कुछ महीनों से लगातार बारिश की स्थिति बनी हुई है।
यादव के मुताबिक अरब सागर में जब भी कोई डिप्रेशन या चक्रवाती असर होता है, तो वो सीधे तौर पर इंदौर सहित पश्चिमी मप्र पर असर करता है। अरब सागर में चक्रवात बनने के कारण वहां से दक्षिणी व दक्षिणी-पूर्वी हवा आती है। चक्रवात का बाहरी हिस्सा काफी वृहद होने पर वो पश्चिमी मप्र पर भी असर करता है।