मंडीदीप की हवा भोपाल के लिए खतरनाक, AQI 248 पर पहुंचा, 50 से कम होना चाहिए | BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मंडीदीप के कारखानों से निकलने वाला धुआं अब भोपाल के नागरिकों के लिए जानलेवा होता जा रहा है। मॉर्निंग वॉक के समय जबकि सबसे शुद्ध और ताजा हवा मिलती है, भोपाल की हवा में प्रदूषण पाया गया है। यह सांस लेने के लिए हानिकारक है। अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा है और फेफड़े मुख्य मरीजों के लिए काफी खतरनाक। मंडीदीप के झूमे में पकड़ी हुई सड़कों की धूल मिलने के कारण यह और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। AQI प्रदूषण नापने का पैमाना है। स्केल पर या 50 से कम होना चाहिए लेकिन भोपाल में 248 तक पहुंच गया है मंडीदीप में यह 261 पर है। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक भोपाल, मंडीदीप में बीते एक महीने से पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर कम-ज्यादा हो रहा है। ये कण सबसे खतरनाक होते हैं, जिनका व्यास 2.5 होता है, ये फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। वातावरण में लगातार इनका स्तर 335 से 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच पहुंच रहा है, जो कि 60 से नीचे होना चाहिए। पीएम 10 का स्तर भी 450 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच रहा है, जो गंभीर खतरा है। ये थोड़े-बड़े कण होते हैं, जिनका सामान्य स्तर 100 से कम होना चाहिए। इसके कारण वायु प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है।

नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर 133 पर पहुंचा, फेफड़ों को खतरा

शहर के वातावरण में नाइट्रोजन डाईआक्साइड (एनओ-2) का अधिकतम स्तर 133 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है, जो सामान्यत: 80 होना चाहिए। इसका स्तर बढ़ने से श्वसन तंत्र पर असर पड़ता है। इसके अलावा फेफड़ों के लिए यह काफी खतरनाक है। इसके कारण फेफड़ों में संक्रमण बढ़ जाता है। इस वजह से कफ, जुकाम, फ्लू जैसी समस्याएं होती हैं।

इन सबके बीच राहत वाली बात यह है कि भोपाल, मंडीदीप में दिल्ली की तरह अन्य हानिकारक गैसीय मिश्रण का स्तर सामान्य से नीचे है। केवल धूल के कण व धुएं के कारण हवा प्रदूषित हो रही है। शुक्रवार को पीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक कार्बन मोनोआक्साइड (सीओ) का स्तर अधिकतम 125 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा है, जो अधिकतम 2000 तक हो सकता है।
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