भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने ने जोश-जोश में आकर एलान कर दिया कि साल माध्यमिक शिक्षा मंडल 5वीं-8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर होंगी। जिसमें छात्र फेल भी हो सकते हैं लेकिन अब अफसरों के हाथ पैर फुल रहे हैं, क्योंकि परीक्षाएं सर पर आ गई और कोर्स पूरा नहीं हुआ। कहीं रिजल्ट ना बिगड़ जाए इसलिए अफसरों में शॉर्टकट निकाल दिया। स्टूडेंट्स को आप प्रश्न बैंक से पढ़ाया जाएगा।
मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी विषयों के प्रश्नपत्र तैयार करवाए हैं। इसके आधार पर ही सभी जिला परियोजना समन्वयक को आदेश जारी कर बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाने को कहा है। यह पूरी कवायद इसलिए की जा रही है, ताकि परीक्षा में अधिक से अधिक बच्चे उत्तीर्ण हो सकें। केंद्र सरकार द्वारा बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों में अध्ययनरत पांचवीं व आठवीं के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा के रूप में कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए ही शिक्षकों से प्रश्नबैंक तैयार करवाकर स्कूलों में भेजा जा रहा है। इसके आधार पर ही जिला परियोजना समन्वयक को बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर बच्चों को तैयारी कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पांचवीं व आठवीं की वार्षिक परीक्षा फरवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूलों को सैंपल पेपर भी भेजे हैं। इसके आधार पर स्कूल बच्चों से अभ्यास करवाएंगे। दूसरी तरफ बोर्ड पैटर्न की तैयारी करवाने के लिए पांचवीं व आठवीं अंग्रेजी के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि स्कूलों में 40 फीसदी भी कोर्स पूरा नहीं हुआ है।
बोर्ड पर प्रश्न लिखकर बच्चों से हल करवाएं
राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर कहा है कि शिक्षक बोर्ड पर प्रश्नों को लिखकर बच्चों से उत्तर हल करवाएं। साथ ही बच्चों की उत्तर पुस्तिका जांच कर उनकी गलतियों को सुधारकर उन्हें समझाया जाए। विभाग का मानना है कि प्रश्नपत्रों को हल करने से बच्चे भयमुक्त होंगे, उनमें आत्मविश्वास आएगा। इससे बच्चे प्रश्न को समयसीमा में हल कर पाएंगे। साथ ही गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के कठिन प्रश्नों पर शिक्षकों व बच्चों के बीच चर्चा भी की जाएगी।
14 दिसंबर तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर अंग्रेजी के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल के एमपी नगर स्थित एक होटल में 23 नवंबर से 14 दिसंबर तक चलेगा। आदेश में यह भी उल्लेख है कि अगर प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोई शिक्षक अनुपस्थित रहता है तो प्रशिक्षण की राशि 600 रुपए उनके वेतन से वसूली जाएगी।
स्कूलों को भेजे प्रश्नबैंक
भोपाल जिले के स्कूलों को प्रश्नबैंक भेज दिए गए हैं और तैयारी कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने से उनका उन्मुखीकरण होगा। वे बच्चों को ठीक से पढ़ाएंगे। इससे स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। अगर विभाग प्रशिक्षण के लिए पैसे खर्च कर रहा है तो अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों से प्रशिक्षण राशि वसूलना सही है।
पीआर श्रीवास्तव, डीपीसी, भोपाल