भोपाल। सरकारी खजाना खाली है लेकिन अफसरों को इसकी परवाह ही नहीं। मध्य प्रदेश में पटवारियों के 1400 से ज्यादा पद रिक्त हैं और पात्रता परीक्षा पास करके वेटिंग लिस्ट में केवल 1385 उम्मीदवार हैं। काउंसलिंग के बाद सभी उम्मीदवारों को नियुक्तियां दे दी जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले 1 साल से वेटिंग लिस्ट ज्यों की त्यों बनी हुई है। चुन-चुन कर नियुक्तियां हो रही है, अब तक केवल 100 उम्मीदवारों को नियुक्तियां दी गई। सवाल यह है कि राजस्व विभाग के अफसर लापरवाही या भ्रष्ट।
मार्च 2018 में आया था पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट, नियुक्ति आज तक नहीं हुई
मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। कुल 9235 पटवारी पदों के लिये परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा का रिजल्ट मार्च 2018 को आया जिसमें 9235 आवेदक मेरिट लिस्ट में आए वहीं 1385 के नाम वेटिंग लिस्ट में शामिल किए गए। जून 2018 में पहली काउंसलिंग की गई, जिसमें 1400 सेलेक्ट आवेदकों ने ज्वॉइनिंग नहीं दी। स्वभाविक है इन रिक्त पदों की पूर्ति वेटिंग लिस्ट की जानी थी परंतु 1.6 साल बीत गया वेटिंग लिस्ट मैं दर्ज उम्मीदवार अभी वेटिंग में ही है।
नियुक्त पटवारियों को जिला बदलने की सुविधा के कारण वेटिंग लिस्ट को रोका
अधिकारियों द्वारा बताया गया कि शासन ने नियुक्त हुए पटवारियों को जिला बदलने की सुविधा दी है। इसके कारण वेटिंग लिस्ट काउंसलिंग नहीं कराई जा सकती। जब नियुक्त हुए पटवारी मनचाहे जिलों में पदस्थ होकर ज्वाइन कर लेंगे तब वेटिंग लिस्ट की काउंसलिंग शुरू होगी। सवाल यह है कि डेढ़ साल से एक प्रक्रिया के पूर्ण होने का इंतजार ही क्यों किया जा रहा है। वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों की काउंसलिंग तो कम से कम कराई जा सकती है। नियुक्ति के समय उनसे भी पसंदीदा जिला पूछा जाएगा।
अब तक 100 वेटिंग उम्मीदवारों को ज्वाइन कराया जा चुका है: कमिश्नर
हम सेलेक्ट पटवारियों को मेरिट के आधार पर काउंसिलिंग में शामिल कर रहे हैं। साथ ही वेटिंग लिस्ट वाले आवेदकों को भी अवसर दे रहे हैं। अब तक 100 आवेदकों को ज्वाइन कराया जा चुका है।
ज्ञानेश्वरवी पाटिल, आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त