भोपाल। हनीट्रेप मामले में सेशन कोर्ट में पेश जवाब में एसआईटी ने माना है कि ब्लैकमेलिंग के शिकार अकेले सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह नहीं है। ये गंभीर प्रकरण है, जिसमें आरोपियों ने उच्च अफसरों से ब्लैकमेलिंग की है। इनसे पूछताछ व साक्ष्य जुटाना बाकी है। पुलिस ने श्वेता जैन की जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि उसे रिहा किया गया तो वह निश्चित तौर पर अफसरों को वीडियो लीक करने की धमकी देकर सबूत नहीं देने को विवश करेगी।
श्वेता विजय जैन ही मास्टरमाइंड है: पुलिस
हनीट्रेप की आरोपी श्वेता विजय जैन की जमानत अर्जी के विरोध में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की तरफ से पलासिया थाना प्रभारी ने जवाब पेश किया था। पुलिस ने सेशन कोर्ट में 1 अक्टूबर को पेश जवाब में कई आपत्ति लगाई थी। इसमें श्वेता जैन के ही हनीट्रेप गैंग का मास्टरमाइंड होने का जिक्र किया है। श्वेता से सीडीआर एनालिसिस, अश्लील एसएमएस, धनराशि के ब्यौरे की डायरी, प्रभावशाली व्यक्तियोें के अंतरंग पलों के वीडियो वाले इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स, सोशल मीडिया चेट, वाईस रिकॉर्डिंग मिली है। आरती दयाल से वित्तीय लेनदेन की डायरी, बैंक खाते, वसूली के दस्तावेज मिले है।
एसएसपी ने कहा- अधिकारिक पुष्टि नहीं
एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र ने इंदौर में हनीट्रेप मामले में मीडिया में कहा कि अभी अफसरों और किसी दूसरे लोगों के शामिल होने की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जांच चल रही है। अन्य लोगों की आपराधिक संलिप्तता पाई जाती है तो कार्रवाई करेंगे।
पुलिस के जवाब में अहम तथ्य : श्वेता मास्टरमाइंड है, वही वसूलती थी पैसा
श्वेता विजय जैन से प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने में इस्तेमाल इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स व ब्लैकमेलिंग से वसूले 14.17 लाख रुपए नकद व महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
श्वेता गैंग की मास्टरमाइंड है। वह प्रभावशाली लोगों के वीडियो से पैसा वसूलती थी। सरकारी ठेके, एनजीओ के लिए अनुदान लेती थी।
आरती दयाल ने साफ किया है कि उसे ठेका दिलाने के नाम पर श्वेता ही प्रभावशाली लोगों से मिलवाती थी। उनके वीडियो बनवाती थी।
हरभजन सिंह के तीन करोड़ देने में आनाकानी करने पर आरोेपियों ने दिल्ली के एक वकील को ब्लैकमेलिंग में शामिल करना चाहा था, उन्होंने इनकार कर दिया।