SBI ने अकाउंट होल्ड कर दिया था, उपभोक्ता ने ऐसा सबक सिखाया, bank account hold- illegal action

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई और तमाम सरकारी बैंक अपने खाताधारकों के खातों को अनाधिकृत तौर पर होल्ड कर देते हैं। ज्यादातर खाताधारक बैंक अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते हैं और उनकी मांग पूरी करके अपना खाता फिर से चालू करवा लेते हैं परंतु एक ग्राहक ने ऐसा नहीं किया, उसने अवैध कार्रवाई को चुनौती दी और अंतत: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम जिला ग्वालियर ने एसबीआई बैंक को आदेशित किया कि तत्काल बैंक खाता संचालन सामान्य किया जाए, ग्राहक को क्षतिपूर्ति हर्जाना एवं कानूनी कार्रवाई में हुआ खर्चा भी दिया जाए। 

SBI- bank account hold dispute

धीरज सोलंकी का खाता एसबीआई सबलगढ़ मुरैना में था। उसके खाते में 3 लाख 18 हजार रुपए जमा थे। उसने बैंक में 3 लाख रुपए निकालने के लिए चैक जमा किया तो उसे बाउंस कर दिया। खाते से पेनल्टी के रूप में 393 रुपए काट लिए। उसने फिर 25 अप्रैल 2017 को चैक जमा किया तो उसे बाउंस (अनादृत) कर खाते से पेनल्टी के रूप में 575 रुपए काट लिए। जब बैंक से पैसे नहीं दिए जा रहे थे तो उसने फोरम में परिवाद दायर किया। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि वह खाते से पैसे निकालने का अधिकार रखता है, लेकिन खाते में पर्याप्त बैलेंस होने के बाद भी पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। जो उसे मानसिक व आर्थिक रूप से क्षति पहुंचा रही है। 

SBI- bank account hold- illegal action

फोरम के नोटिस के जवाब में बैंक ने तर्क दिया कि दूसरी शाखा ने उसका खाता होल्ड किया है। इस वजह से पैसे आहरण नहीं किए जा सकते हैं। परिवाद को ग्वालियर में नहीं सुना जा सकता है, मामला ग्वालियर की बैंच के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। फोरम ने परिवादी व बैंक द्वारा दिए जवाब का परीक्षण किया तो पाया कि यह परिवाद की सुनवाई ग्वालियर में हो सकती है। बैंक ने बिना किसी ठोस कारण के पैसे आहरण पर रोक लगाई है। 

SBI- bank account hold- consumer Court decision

खाताधारक को उसकी सही जानकारी भी नहीं दी। आहरण रोकने के कोई दस्तावेज भी पेश नहीं किए। यह बैंक की सेवा में कमी है। खाताधारक को मानसिक पीड़ा हुई है। उसके बदले में बैंक को पांच हजार रुपए बतौर क्षतिपूर्ति के रूप में खाताधारक को देने होंगे। खाते पर बिना कारण के आहरण पर रोक लगाई है, उसे हटाया जाए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!