जबलपुर। RSS के स्वयं सेवक यतीन्द्र उपाध्याय ने स्मॉल वंडर स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज करने हेतु एक आवेदन पुलिस को दिया था परंतु पुलिस ने NCR काटकर आवेदक को थमा दिया। एनसीआर यानी Non congnizable offence information report हिंदी में: गैर संज्ञेय अपराध सूचना रिपोर्ट, यानी ऐसा अपराध जिसमें पुलिस संज्ञान नहीं ले सकती। मजेदार बात यह है कि RSS के स्वयं सेवक यतीन्द्र उपाध्याय NCR को एफआईआर की तरह मान बैठे और पत्रकारों के बीच जानकारी दी कि उन्होंने मामला दर्ज करा दिया है।
एक टीवी न्यूज चैनल ने खबर दिखाई कि जबलपुर के स्मॉल वंडर स्कूल के ख़िलाफ NCR (Non congnizable offence information report) दर्ज करायी गयी है। स्कूल में 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर कार्यक्रम हुआ था। आरोप है कि इस दौरान हुए एक नाटक में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के पात्र को RSS के स्वयं सेवक की गणवेश में दिखाया गया। गोडसे का पात्र निभाने वाले छात्र को खाकी हाफ पेंट, सफेद शर्ट और सिर पर काली टोपी पहनायी गयी थी।
स्वयं सेवक ने की रिपोर्ट-
जबलपुर में RSS के स्वयं सेवक यतीन्द्र उपाध्याय ने ही स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। यतेन्द्र ने लॉर्डगंज थाने पहुंचकर NCR (Non congnizable offence information report) दर्ज करायी। सबूत के तौर पर उन्होंने नाटक की एक तस्वीर पुलिस को सौंपी है। उस तस्वीर में छात्र स्वयंसेवक की वेशभूषा में गांधी जी पर बंदूक ताने दिख रहा है।
NCR को FIR समझ खुद हो गए
दरअसल, यह मामला दर्ज ही नहीं हुआ है बल्कि पुलिस ने यह लिखकर दिया है कि यह कृत्य आईपीसी की धारा विशेष के तहत अपराध माना जाता है परंतु पुलिस को इस तरह के मामले दर्ज करने का अधिकार नहीं है। इस तरह पुलिस ने सलाह दी कि आवेदक चाहे तो सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर सकता है। Non congnizable offence information report हिंदी में: गैर संज्ञेय अपराध सूचना रिपोर्ट, यानी ऐसा अपराध जिसमें पुलिस संज्ञान नहीं ले सकती।