भोपाल। मध्यप्रदेश के रीवा से खबर आ रही है। यहां रेत का एक डंपर गरीबों की बस्ती पर जा गिरा। इस हादसे में 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। हादसा निपनिया मोहल्ले में हुआ। डम्पर पलटने से हाहाकार मच गया। इस घटना के बाद माना जा रहा था कि यहां आधा दर्जन से ज्यादा लोग दबे हैं लेकिन क्रेन और जेसीबी की मदद से डम्पर और रेत को हटाए जाने के बाद तीन लोग मिले, जिसमें एक किशोरी की मौत हो गई। वहीं उसके पिता सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
सिटी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत व्हाइट टाइगर सफारी मार्ग पर स्थित रावतपुरा गेट के समीप रेत से भरा यह डम्पर सुबह लगभग पौने नौ बजे उस समय अनियंत्रित होकर पलट गया जब एक वाहन को निकलने के लिए रास्ता देने के दौरान डम्पर का पहिया सड़क से उतरकर नाली में चला गया। नाली में पहिया जाते ही डम्पर का बैलेंस बिगड़ा और वह पलट गया। यह डम्पर जहां पलटा वहां आदिवासी परिवार घर बनाकर रहते हैं। इस घटना में एक घर पूरी तरह धराशायी हो गया।
लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद डम्पर को क्रेन की मदद से हटाया गया। इसके बाद रेत को भी हटाया। तब कहीं जाकर नीचे दबे लोग निकल पाए। इस घटना के बाद बस्ती सहित आसपास के इलाके के हजारों लोगों की भीड़ यहां जमा हो गई थी। इस भीड़ में मौजूद तमाम लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर बचाव कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज कराई। इस घटना में मनीषा कोल पुत्री लट्टू 16 वर्ष की मौत हो गई है जबकि लट्टू पिता तीरथ 50 वर्ष सहित डेढ़ माह की महिमा कोल पुत्री रामभजन घायल है।
प्रशासन ने भी की मदद
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। तहसीलदार द्वारा मृतक के अंंतिम संस्कार के लिए तत्काल ही 5 हजार रुपए की सहायता राशि दी इसके साथ ही घायलों के उपचार के लिए 25-25 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की गई। भाजपा नेता मुस्लिम सोनू द्वारा भी 25-25 हजार रुपए की मदद किए जाने की घोषणा की गई।
सड़कों पर गड्ढे और दिन भर दौड़ते हैं वाहन
व्हाइट टाइगर सफारी मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों को ठीक करने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं इस मार्ग पर अवैध रूप से दिन रात बालू आदि से भरे वाहन गुजरते हैं। प्रशासन द्वारा कभी यहां निगरानी नहीं की गई। इस घटना के बाद प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है। इस मार्ग पर कई जगह सड़क के किनारे गरीबों की बस्ती है। प्रशासन को अब चाहिए कि इस क्षेत्र का भ्रमण कर ऐसे इंतजाम किए जायं कि इस तरह की घटना फिर न होने पाए।