तमाशा बन गए पटवारी, ना घर के रहे ना घाट के | PATWARI HADTAL LATEST

भोपाल। अतिवृष्टि पीड़ित किसानों का सर्वे छोड़कर कथित सम्मान के नाम पर हड़ताल पर गए पटवारी अब तमाशा बनकर रह गए हैं। साफ नजर आ रहा है कि पटवारी संघ के नेता किसी के इशारों पर नाच रहे हैं। ना तो उन्होंने सम्मान के लिए हड़ताल का ऐलान किया था और ना ही ग्रेड पे के नाम पर खत्म की है। अब पटवारी आपस में उलझ गए है। हजारों पटवारी ऐसे सामने आ रहे हैं जो संघ के नेताओं को अपना नेता मानने से इंकार कर रहे हैं। 

हड़ताल खत्म करते ही ही मंत्री का वीडियो सामने आ गया

पटवारी संघ द्वारा हड़ताल ख़त्म की घोषणा के कुछ ही घंटे में एक बार फिर हड़ताल वापिस शुरू कर दी गई है, बजह में बताया जा रहा है मंत्री जीतू पटवारी ने वीडियो जारी कर कहा है कि उन्होंने कोई माफी नहीं माँगी है और अपने वे अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। पूर्व में हड़ताल ख़त्म के समय पटवारी संघ बता रहा था कि राजस्व मंत्री जी ने माफी मांग ली है, और ग्रेड पे 2800 के लिए आश्वासन दिया है, इस आश्वासन और किसान हित में हड़ताल वापिस ले रहे हैं।

राजस्व मंत्री ने कहा कि माफी नहीं मांगी

जबकि राजस्व मंत्री ने कहा था यह समय हड़ताल का नहीं है, हमने पटवारी संघ को समझाया और वह किसान हित में वापिस हो गए। राजस्व मंत्री द्वारा भी माफी मांगने जैसी कोई बात नहीं कही गई।

प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह ने यूटर्न लिया

पथरिया सागर से पटवारी आकाश मिश्रा ने पटवारी संघ प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह के साथ पूर्व अध्यक्ष प्रकाश माली का वीडियो शेयर किया है। वीडियो में पटवारी संघ प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह मीडिया को संबोधित करते हुए बता रहे हैं कि उन्होंने किसान हित में हड़ताल ख़त्म की घोषणा के बाद मंत्री जीतू पटवारी का वीडियो देखा है जिसमें उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा है हमने पटवारियों से कोई माफी नहीं मांगी है और वह अपने बयान पर कायम हैं। वह किसान हितैषी बिलकुल नहीं हैं, पता नहीं वह क्या चाहते हैं, इससे पटवारी सम्मान को ठेस पहुंची है, इसलिए हड़ताल जारी रहेगी।

क्यों हड़ताल वापिस शुरू हो गई, के पीछे की असली कहानी यह है

असल में पटवारी संघ सम्मान की बात से समझौता कर ग्रेड पे 2800 के आश्वासन पर हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया गया था , लेकिन यह बात नीचे आम पटवारियों को समझ नहीं आई। जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि नवीन पटवारियों पर सरकार कलेक्टर्स द्वारा दबाब बना रही है, वह टूट सकते हैं। यह जानकारी के बाद पटवारी संघ ने यह मान कर कि ऐसे में हड़ताल मुश्किल होगी, हड़ताल ख़त्म की है तो आम पटवारियों द्वारा पटवारी संघ नेताओं पर दबाब बनाया गया।

संघ के नेताओं को धिक्कार रहे हैं पटवारी

सोशल मीडिया पर लिखा गया खिलौना समझ रखा है क्या हमें? आप लोग कायर हो। पुराने अनुभवों के बावजूद भी आपको कैसे विश्वास हो गया कि 6 महीने बाद हमारी मांगें मानी जाएंगी? शर्म आना चाहिए आपको की नीचे के स्तर के पटवारियों की बिना परमिशन के आपने हड़ताल खत्म करवा दी? हमारी भावनाओं के साथ ऐसा खिलवाड़? जितनी बेइज्जती नेताओं ने नहीं की, उससे ज्यादा आपने करा दी हमारी।

सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में पटवारी संघ का एक गुट खुद आगे होकर हड़ताल पर डटे रहने की घोषणा करने वाला था, इस बीच मंत्री जीतू पटवारी का वीडियो सामने आ गया। ऐसे में पटवारी संघ नेताओं के पास हड़ताल फिर से शुरू की घोषणा के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!