कांग्रेस में किनारे कर दी गई राहुल गांधी की टीम, कुछ इस्तीफे हो गए, कुछ होने वाले हैं | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। कांग्रेस में तख्तापलट के साथ ही हालात भी बदल गए हैंं। सोनिया गांधी द्वारा कमाने संभालने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तेजी से एक्टिव हुए और राहुल गांधी की टीम के नेताओं को किनारे करना शुरू कर दिया है। राहुल से जुड़े कुछ नेता इस्तीफा दे चुके हैं, माना जा रहा है कि शेष नेताओं के इस्तीफे भी आने वाले समय में हो जाएंगे। 

हरियाणा में अशोक तंवर

हरियाणा की राजनीति में अशोक तंवर और हुड्डा परिवार के बीच पुरानी अदावत हो सकती है लेकिन संजय निरूपम की तरह उनका ये कहना कि राहुल गांधी के बढ़ाए और बनाए नेताओं की लगातार राजनीतिक हत्या हो रही है और कुछ अन्य की होनी है, बाकी बड़े सवाल खड़े करता है। अशोक तंवर अगर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भारी विरोध के बावजूद कार्यकाल पूरा करने के बाद भी डटे रहे तो उसके पीछे राहुल गांधी थे। तंवर की एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष तक की ग्रूमिंग राहुल ने की। इसीलिए वे इतनी नाराजगी के बाद राहुल गांधी से खुद के व्यक्तिगत संबंध बता उनसे हुई बातचीत को बताने से इंकार करते हैं। साफ है तंवर ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राहुल गांधी से बात जरूर की होगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, जतिन प्रसाद

कांग्रेस में हाल के दिनों में या कहें राहुल गांधी के पद छोड़ने के बाद जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है या फिर पार्टी लाइन के खिलाफ मुखर होकर बयान दिए हैं वे सभी राहुल गांधी के करीबी रहे। अशोक तंवर का ये कहना कि मैं अकेला नहीं अभी बहुत लंबी लाइन है। अभी बहुत सी राजनीतिक हत्याएं होनी हैं पार्टी में किसी बड़े षडयंत्र की ओर इशारा करता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, जतिन प्रसाद ने अभी कड़ा कदम तो नहीं उठाया लेकिन राहुल के हटने के बाद लगातार उनकी नाराजगी सामने आ रही है।

महाराष्ट्र में संजय निरूपम, झारखंड में अजोय कुमार

शिवसेना से आने वाले संजय निरूपम कांग्रेस में इसीलिए बढ़ पाए क्योंकि उनकी पहुंच राहुल गांधी तक थी। राहुल गांधी के कहने पर ही निरूपम को मुंबई का अध्यक्ष बनाया गया। सोनिया के पद संभालने के ठीक पहले झारखंड में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व आईपीएस अजोय कुमार को लंबे समय दिल्ली में रखने के बाद राहुल ने प्रदेश सौंपा था। राहुल का प्रयोग सफल होता इससे पहले राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका इस कदर घमासान हुआ कि उन्होंने खुद को अलग कर लिया।

त्रिपुरा में प्रद्योत

त्रिपुरा में लगभग समाप्त हो गई कांग्रेस को जिंदा करने के लिए राहुल गांधी ने प्रयोग के तौर पर युवा नेता प्रद्योत को अध्यक्ष बनाया। प्रद्योत ने अपने हिसाब से काम शुरू किया पार्टी फंड जुटाने की प्रकिया और वरिष्ठ नेताओं की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। नार्थ ईस्ट के कांग्रेस प्रभारी महासचिव लुईजिन्हो फैलिरो से उनकी कुछ कहासुनी है। 

प्रद्योत ने 17 सितंबर को इस्तीफा भेज दिया। राहुल गांधी ने इसी फरवरी में उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रद्योत ने सोनिया गांधी की पहली बैठक में तालियां बंटोरी और वरिष्ठ नेताओं के बीच कहा मैं पार्टी में अपना पैसा लगाता हूं औरों ने भी कमाया है सबको ऐसा करना चाहिए। ऐसे में आने वाले समय में पद छोड़ने वाले नेताओं में कुछ और भी पार्टी छोड़ सकते हैं।

गुलाम नबी आजाद डर्टी गेम खेल रहे हैं

तंवर ने प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद पर गंभीर आरोप लगाया है कि वह डर्टी गेम खेल रहे हैं। हरियाणा में खुद की जिम्मेदारियां अपने दोस्तों के हाथ बेच चुके हैं। आजाद पर यूपी चुनाव के दौरान भी कांग्रेस नेता केके शर्मा ने टिकट बेचने का आरोप लगाया था। आजाद सोनिया गांधी के करीबियों में हैं। ऐसे में अगर उन पर आरोप लग रहे हैं तो साफ है कि पार्टी में कहीं न कहीं राहुल समर्थक वरिष्ठ नेताओं की कार्यप्रणाली को लेकर असहज हैं।

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