जबलपुर। मध्यप्रदेश चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. आरएस शर्मा डेंगू की चपेट में आ गए हैं। उन्हें रसलचौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने उसकी सहेत में सुधार बताया है परंतु उनके निजी अस्पताल में इलाज कराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बरसात थमते ही बढ़ा खतरा-
बरसात थमने के बाद डेंगू सहित अन्य मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों के मुताबिक बरसात थमने के बाद जहां तहां जमा बरसात के साफ पानी में मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। यही वजह है कि शहर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। शहर की पॉश कालोनियों से लेकर गंदी बस्तियों में मच्छरों ने आतंक मचा रखा है। मच्छरों के लार्वा का विनष्टीकरण न होने से समस्या और बढ़ सकती है। गौरतलब है कि डेंगू के मरीज शहर मेें बढ़ रहे हैं लेकिन मेडिकल चिकित्सालय के कुलपति का इस रोग की चपेट में आना काफी गंभीर हो जाता है। जिस पर कुलपति को निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है।
विक्टोरिया में बंद पड़ी प्लेटलेट्स मशीन
डेंगू पीड़ित मरीजों के उपचार में रक्त के घटक प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। मरीजों को असुविधा का सामना न करना पड़े इसलिए शासन ने लाखों रुपए खर्च कर विक्टोरिया में प्लेटलेट्स मशीन की स्थापना की थी जो कि बंद पड़ी है। प्लेटलेट के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है।