दूध जांचने की मशीन तक नहीं, कैसे चलेगा 'शुद्ध के लिए युद्ध' | JABALPUR NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर। खाद्य सुरक्षा विभाग के पास संसाधन की कमी से दूध में मिलावटखोरी को बढ़ावा मिल रहा है। दरअसल, डेयरियों के हब व संभागीय मुख्यालय वाले जबलपुर जिले में विभाग के पास एक अदद मिल्कोमीटर तक नहीं है, जिससे दूध की गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। हालात यह है कि विभाग अब भी भोपाल स्थित राज्यस्तरीय प्रयोगशाला पर आश्रित है जहां नमूने भेजे जाते हैं। वहां नमूनों की अधिकता के कारण जांच रिपोर्ट मिलने में 2 से 3 माह का समय लग रहा है। इधर, बार-बार मांग के बावजूद विभाग को 1000 से 1500 रुपए कीमत वाली टेस्ट किट के लिए जूझना पड़ रहा है, जिसकी सहायता से दूध व मावा में किसी भी तरह की मिलावट व गुणवत्ता का पता ऑन द स्पाट (मौके पर) लगाया जा सकता है।

नेशनल डेयरी बोर्ड ने विकसित की है किट

खाद्य सुरक्षा विभाग सूत्रों ने बताया कि नेशनल डेयरी बोर्ड करनाल हरियाणा ने कम कीमत वाली ऐसी किट विकसित की है, जिसकी सहायता से दूध व किसी भी तरह के दुग्ध उत्पाद की शुद्घता व मिलावट की जांच मौके पर की जा सकती है। इस किट की मांग खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कई बार की गई जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया। बताया जाता है कि दूध या दुग्ध उत्पाद के नमूने लेते समय कई बार विक्रेता से विवाद की स्थिति निर्मित होती है, जिसके लिए आवश्यक है कि किट की सहायता से मौके पर ही उनकी गुणवत्ता व शुद्घता का पता लगाकर विक्रेता की आपत्ति का जवाब दिया जा सके।

14 दिन की सीमा, रिपोर्ट मिल रही 25 दिन बादः

बताया जाता है कि दूध में मिलावट व शुद्घता की जांच के लिए जो नमूने भोपाल भेजे जाते हैं उनकी रिपोर्ट मिलने की समय सीमा 14 दिन निर्धारित है, लेकिन प्रदेश भर से सेंपल पहुंचने के कारण जांच में विलंब हो रही है। जबलपुर तक नमूनों की रिपोर्ट पहुंचने में 25 दिन से ज्यादा समय लग रहा है।

दूध व उत्पाद में हो चुकी है मिलावट की पुष्टिः

जबलपुर में बिकने वाले दूध व दुग्ध उत्पाद में मिलावट की पुष्टि कई बार हो चुकी है। सिंथेटिक व स्टार्च की मिलावट कर इनकी बिक्री की जा रही है। हालांकि सभी कारोबारी इस मिलावटखोरी में शामिल नहीं हैं लेकिन जांच की सुविधा न होने के कारण मिलावटखोरी को बढ़ावा मिल रहा है।

अधिकारियों से किट मांगी है, मिली नहीं

दूध व दुग्ध उत्पाद के नमूनों की जांच के लिए फिलहाल खाद्य सुरक्षा विभाग के पास स्थानीय तौर पर कोई इंतजाम नहीं है। नमूनों को जांच के लिए भोपाल भेजा जाता है। नेशनल डेयरी बोर्ड द्वारा विकसित किट की मांग उच्च अधिकारियों से की गई है।
अमरीश दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!