भोपाल में EOW इंस्पेक्टर सीमा पटेल की मौत, डॉक्टर बोले डेंगू था

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों कई तरह के कहर से जूझ रहा है। एक जमाने में भारत का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर इन दिनों सबसे खराब सड़कों और गंदगी के लिए बदनाम होता जा रहा है। गंदगी के कारण मलेरिया चिकनगुनिया और डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। EOW इंस्पेक्टर सीमा पटेल एक प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि वह डेंगू से पीड़ित थी।

सरकारी अमले की लापरवाही 

भोपाल में गंदगी और मलेरिया डेंगू इत्यादि के मच्छरों के लिए सरकारी अमले की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से पिछले 10 महीनों में भोपाल नगर निगम काफी लापरवाह नजर आया है। जनता से जुड़े कामों पर अधिकारियों का ध्यान काफी कम हो गया है। नतीजा मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और जनता परेशान है। राजधानी में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। तीन दिन पहले डेंगू फैलने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा शहर के कई इलाकों में डेंगू की जांच कराई थी और सामने ही दवाओं का छिड़काव किया था। 

जनवरी से अब तक मिले 706 डेंगू मरीज 

जनवरी से अब तक डेंगू के 706 मरीज और 43 हजार से ज्यादा घरों में लार्वा मिल चुका है और लगातार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं चिकनगुनिया के 141 और मलेरिया के 80 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू का संक्रमण पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है। जब स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण किया तो निगम अमला की नींद खुली है। खाली प्लॉट जिन पर कचरा और पानी जमा है उन्हें नोटिस दिया जाएगा, फिर पेनाल्टी लगाई जाएगी।

44.30 लाख कंटेनरों में जांचा लार्वा
साकेत नगर, बरखेड़ा पठानी, बागसेवनिया, सेमरा, अशोका गार्डन, नेहरू नगर, कोटरा, सर्वधर्म सी सेक्टर, दामखेड़ा, सलैया, ये वे इलाके हैं जहां ज्यादातर प्लॉटों पर गंदगी और पानी जमा है। संक्रमण भी यहां ज्यादा है। नगर निगम के अनुसार, लार्वा मिलने पर 15 दिन में कार्रवाई,19 जाेन हैं नगर निगम ने 288 प्रकरण बनाए।
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