इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण -2020 मैं इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाए रखने के लिए नगर निगम के कमिश्नर आशीष सिंह कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के बजाए तानाशाही पर उतरते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक कहा कि सफाई कार्यों की ठीक से मॉनिटरिंग हो और कहीं भी कचरा फैला हुआ नहीं दिखना चाहिए। इसी बीच एक कर्मचारी के मुस्कराने पर वे नाराज हो गए और उन्होंने यहां तक कह दिया कि 'मैं तुम्हें समझाइश दे रहा हूं और तुम हंस रहे हो, दांत तोड़कर हाथ में दे दूंगा।'
शिकायत मिली तो अधिकतम सजा दी जाएगी
एसजीएसआईटीएस के गोल्डन जुबली सभागृह में आयोजित कार्यशाला में निगमायुक्त आशीष सिंह ने सीएसआई व दरोगा से समस्याएं पूछकर जोनल अधिकारियों व संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने में 15 दिन बचे हैं, कोई भी अधिकारी-कर्मचारी अपने काम में लापरवाही नहीं करे, नहीं तो जो अधिकतम सजा होगी वो मिलेगी। कल से कहीं से भी कोई शिकायत मिलेगी तो काम न करने वालों को जलूद भेज दूंगा। दीपावली के बाद कचरा वाहनों में मिक्स कचरा नहीं आना चाहिए। गीला व सूखा कचरा अलग-अलग हो, यह अधिकारी सुनिश्चित करें। वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो अपना बोरिया बिस्तर बांध लें।
पढ़िए कर्मचारियों की परेशानियां और कमिश्नर के जवाब
कर्मचारी : जोन 18 में कहीं भी कर्मचारियों के लिए हाजिरी पॉइंट नहीं है। जोन चार में भी ऐसी ही स्थिति है। कर्मचारियों को उपस्थिति दर्ज करने के लिए परेशान होना पड़ता है।
आयुक्त : जोनल अधिकारी शांतिलाल यादव अब तक क्या कर रहे थे। सभी को पहले से स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हाजिरी पॉइंट बनाएं। सभी जोनल अधिकारी यह सुनिश्चित करें। मीटिंग में खाली हाथ न बैठा करें, अगली बार अधिकारी कॉपी-पेन लेकर बैठे।
कर्मचारी : वार्ड नंबर 53 में बैकलेन में काफी कचरा जमा होता है, उसे उठाने के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाएं।
आयुक्त : वाहनों की संख्या बढ़ाने के बजाय बैकलेन में कचरा डालने वालों को रोके, उन पर स्पॉट फाइन करें।
कर्मचारी : ग्रीन वेस्ट उठाने के लिए गाड़ियां कम पड़ रही हैं। वाहनों की ज्यादा जरूरत है। ग्रीन कचरा निगम द्वारा उठाने का निर्देश जारी होने के बाद अब तो लोग घर के गार्डनों का कचरा भी सड़क पर छोड़ रहे हैं।
आयुक्त : दीपावली के बाद कोई भी ग्रीन कचरा बाहर फेंकेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारी : वार्ड 7, 10, 13 में कचरा उठाने के लिए अतिरिक्त वाहन चाहिए।
आयुक्त : निगम के सभी वाहनों पर जीपीएस लगाना अनिवार्य है। ग्रीन कचरा उठाने वाले वाहनों पर जीपीएस क्यों नहीं लगा। इन पर भी जीपीएस लगाएं।
कर्मचारी : वार्ड 16 में हाजिरी के लिए लगी मशीन टूटी हुई, वो रिपेयर नहीं हो रही।
आयुक्त : जिस तरह आप अपने मोबाइल की सुरक्षा करते हो, उस तरह इन मशीनों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें। मशीने टूटी मिली तो सीएसआई और दरोगा के वेतन से उसका खर्च वसूला जाएगा।
कमिश्नर ने कर्मचारियों से कहा: हल्ला मचा दो, 10 बार बोलो
निगमायुक्त ने कहा कि जहां-जहां लिटरबिन टूट गए हैं या रोड निर्माण के दौरान हटा दिए गए हैं, उन्हें व्यवस्थित किया जाए। उन्होंने कर्मचारी से कहा कि तुम्हें काम करना नहीं आता तो सीख लो। आयुक्त ने अधिकारी व कर्मचारियों को स्पष्ट कहा कि सफाई से संबंधित जो काम नहीं हो रहा हो, उसके लिए हल्ला मचा दो, दिन में 10 बार सेट पर बोलो।
स्वास्थ्य अधिकारी और सीएसआई का वेतन काटें
आयुक्त ने कहा कि रात में सफाई व्यवस्था कमजोर हो रही है। रात नौ बजे बाद सीएसआई, सहायक सीएसआई और स्वास्थ्य अफसर मैदान में नहीं रहते हैं। कुछ वार्ड में कर्मचारी बैठने लगे हैं और दरोगा उनसे काम नहीं करवा रहे हैं। ये कर्मचारी रात 10 बजे तक मैदान में रहें, ऐसा नहीं हुआ तो सीएसआई और स्वास्थ्य अधिकारी का एक महीने का वेतन काटें। सात व आठ नंबर जोन में खाली प्लॉट पर कचरा जमा होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने एनजीओ के कर्मचारियों को फटकार लगाई और कहा कि आप मैदान में ऐसे स्पॉट देखें और हमें सूचना दें। आप मॉनिटरिंग भी ठीक से नहीं कर रहे।
नवंबर में ओडीएफ सर्वे और दिसंबर में स्टार रेटिंग वाली टीम आएगी
निगमायुक्त ने बताया कि अभी तक हम इन्वेस्टर्स समिट में लगे हुए थे। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए समय कम बचा है। हम चौथी बार भी नंबर वन आने के लिए लगे हुए हैं। सर्वेक्षण की तैयारियों के लिए शुरुआत हो गई। नवंबर के पहले सप्ताह में ओडीएफ वेरिफिकेशन के लिए टीम आ जाएगी। दिसंबर में स्टार रेटिंग और जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आएगी। तीनों के अंकों के आधार पर रैंकिंग तय होगी। इस बार बारिश ज्यादा समय होने के कारण शहर के रोड व फुटपाथ की स्थिति ज्यादा खराब हुई है, इसे हम 10 दिन में दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी दी। 75 फीसदी घरों से कचरा कलेक्शन शुल्क इकट्ठा होना चाहिए। इसमें हम पीछे हैं। प्रत्येक बिल कलेक्टर व सहायक को प्रतिदिन 30 घरों से कचरा कलेक्शन शुल्क वसूलने का लक्ष्य दिया है।