भोपाल। अनुकम्पा नियुक्ति जो कि शासकीय सेवक की मृत्यु के पश्चात संवेदना के रूप मे दी जाती है पूर्व सरकार द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अनुकम्पा नियुक्त लिपिकों की सीपीसीटी के आदेश की कंडिका 6.5 को मुद्दा बनाकर कई अधिकारियों द्वारा द्वेष भावना से लिपिकों को सेवा से बाहर किया जा रहा है जो कि पूर्णता अमानवीय है।
जबकि वर्तमान सरकार द्वारा अपने संकल्प पत्र के विंदु क्रमांक 47.25 मे अनुकम्पा नियुक्ति के सरलीकरण ओर विंदु क्रमांक 47.40 मे स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी शासकीय सेवक को सेवा से बाहर नही किया जाएगा ये अनार्थिक मांग है फिर भी अधिकारियों द्वारा संकल्प पत्र को नजर अंदाज करते हुए वन विभाग सागर और नर्मदा घाटी विकास योजना विभाग धार से सीपीसीटी के कारण अनुकम्पा नियुक्त सहायक ग्रेड 3 को सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण न होने से उन्हें उनकी शासकीय सेवा से बाहर किया गया।
यदि इस कार्यवाही को सरकार द्वारा अविलंब नही रोका जाता है तो प्रदेश मे हजारो अनुकम्पा नियुक्त सहायक ग्रेड 3 है जिन पर अपने घर परिवार की भरण पोषण की जिम्मेदारियां है। अतः सभी सहायक ग्रेड 3 लिपिकों वर्तमान सरकार से बहुत उम्मीदें है,की वो पूर्व सरकार द्वारा जारी सीपीसीटी आदेश ओर उसकी कंडिका 6.5 को वर्तमान सरकार द्वारा निरस्त किया जाएगा ताकि अधिकारियों द्वारा इसका दुरुपयोग बंद हो सके।