ट्रांसपोर्ट संचालकों की हड़ताल BHOPAL में बेअसर

भोपाल। राजधानी सहित प्रदेश में ट्रंसपोर्टरों की हड़ताल पांच अक्टूबर से जारी है। सोमवार को तीसरे दिन भोपाल में करीब 10 हजार ट्रक-टैंकर व डंपरों के पहिए थमे रहे। कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में वाहन खड़े कर ट्रांसपोर्टरों ने मप्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

प्रदेश भर में 1.5 लाख ट्रक, डंपर, टैंकरों के चक्काजाम हैं

ट्रांसपोर्टर पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया 5 प्रतिशत टैक्स वापस लेने, 10 से 12 साल पुराने वाहनों पर टैक्स की बाध्यता समाप्त करने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। मप्र ट्रक ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि हड़ताल का असर दिखने लगा है। इंदौर में ज्यादा असर है। जब तक हमारी सभी पांच मांगें मान नहीं ली जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। प्रदेश भर में 1.5 लाख ट्रक, डंपर, टैंकरों का संचालन नहीं हो रहा। हड़ताल के समर्थन में बंद होने वाले वाहनों की संख्या बढ़ रही है।

भोपाल पर हड़ताल का कोई असर नहीं

इधर, हड़ताल का बड़ा असर अभी भोपाल में देखने को नहीं मिल रहा। करोंद मंडी में अनाज, सब्जी-फलों की आवक कम हुई है, लेकिन किल्लत जैसी स्थिति नहीं है। भोपाल ग्रेन एंड ऑयल सीड मर्चेंट एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया कि बारिश होने से सोयाबीन की फसल अभी आनी शुरू नहीं हुई है। इससे ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का कोई असर नहीं दिखता। सोयाबीन की फसल आ जाती तो जरूर असर दिखता।

हड़ताल से ज्यादा असर नहीं पड़ेगा

कृषि उपज मंडी समिति के सचिव राजेंद्र सिंह बघेल ने बताया कि बड़े ट्रकों से आलू उत्तर प्रदेश से आता है। वहीं, सेब व केले आते हैं। सब्जियां आसपास शहरों से छोटी गाड़ियों से आ जाती हैं। यदि तीन से चार दिन और हड़ताल चली तो अनाज, सब्जी व फलों की आवक जरूर कम हो जाएगी।

फल-सब्जी की कमी आई तो कलेक्टर होंगे जिम्मेदार

परिवहन विभाग के अवर सचिव आरएन चौहान ने आदेश जारी कर भोपाल सहित सभी जिलों कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण आम लोगों को सब्जी, फल सहित अन्य जरूरी सामग्री की कमी आई तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर अपने-अपने जिलों में जरूरी सामान की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।

कलेक्टर ने पेट्रोल पंप मालिकों से पूछा पेट्रोल-डीजल का स्टॉक कितना है?

इधर, भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने परिवहन विभाग से आदेश मिलते ही शहर के पेट्रोल पंप मालिकों से पंपों पर पेट्रोल-डीजल का स्टॉक के बारे में पूछा है। जवाब में पेट्रोल पंप मालिकों ने कहा है कि पेट्रोल-डीजल परिवहन की व्यवस्था स्वयं कराते हैं, इसलिए पर्याप्त स्टॉक है। फिलहाल भोपाल में पेट्रोल-डीजल कम होने की समस्या नहीं आएगी। मप्र पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर भोपाल के पेट्रोल पंपों पर नहीं पड़ा है। इंदौर के पेट्रोल पंपों पर जरूर पेट्रोल-डीजल खत्म हुआ है।
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