भोपाल। पूर्व सहकारिता मंत्री व नरेला विधायक विश्वास सारंग वर्तमान नगर निगम भोपाल को दो नगर निगमों विभाजित किये जाने की अधिसूचना पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि वर्तमान भोपाल नगर निगम का विभाजन कर दो पृथक नगर निगम बनाये जाने का निर्णय भोपालवासियों के हित में नहीं है। कांग्रेस द्वारा यह विभाजन अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किया जा रहा है। इस निर्णय से भोपालवासियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेेगा।
भोपाल नगर निगम के विभाजन के विरोध में कल विष्वास सारंग ने अपने क्षेत्र के निवासियों के साथ आपत्ति दर्ज करायी थी, तो आज अपनी आपत्ति को पत्र द्वारा भेजा गया है। विश्वास सारंग ने कहा कि कोलार और करोंद के बीच की दूरी 25 किमी है अगर कोलार में कोलार नगर निगम का मुख्यालय बनेगा तो करोंद और अयोध्या वायपास, भानपुर वालों को 25 किमी चलकर निगम मुख्यालय जाना पड़ेगा। जबकि वर्तमान में निगम मुख्यालय के सराउंडिंग एरिया की दूरी 10 किमी है।
श्री सारंग ने कहा कि राजधानी भोपाल के सभी प्रमुख बाजार प्रस्तावित भोपाल नगर निगम में स्थित हैं प्रस्तावित कोलार नगर निगम में एक भी बड़ा बाजार नहीं है। बाजार नहीं होने के कारण निगम की आय पर असर पड़ेगा। नये बाजार बनाने के लिए पैसा खर्च करना पडेगा, जो नागरिकों से टैक्स लगाकर बसूला जायेगा।
विश्वास सारंग ने कहा कि वर्तमान नगर निगम में 600 करोड़ रूपये का कर्ज है, 6000 कर्मचारी हैं और 1000 वाहन हैं बंटवारे में अनेक परेशानियां आयेगीं और जब तक पूरी तरह से बंटवारा नहीं हो जायेगा दोनों निगम में कामकाज पूरी तरह ठप्प हो जायेेगा। वर्तमान नगर निगम के ऊपर एषियन डवलपमेंट बैंक का 35 करोड़, हुडको का 80 करोड़ ऋण है। ऋण बंटवारे में अनेक दिक्कतें आयेंगी और दोनो निगम ऋण चुकाने से इंकार करेंगे। जिसके कारण दोनों निगम को नया ऋण भी नहीं मिलेगा।
श्री सारंग ने कहा कि वर्तमान नगर निगम प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर निगम है जिसकी वजह से स्मार्टसिटी, अमृत और अन्य प्रोजेक्ट का लाभ भोपाल को मिलता रहा है। अब दो छोटी नगर निगम बनने से उक्त योजनाओं के लाभ से भोपाल बंचित हो जायेगा। वर्तमान नगर निगम ने अमृत प्रोजेक्ट के लिए 175 करोड़ के बाण्ड जारी किए थे जिसके लिए हर माह एक करोड़ की रकम देना पड़ रही है। विभाजन होने पर दोनों निगम इस रकम को देने में असमर्थता व्यक्त करेंगे।
विश्वास सारंग ने कहा कि भोपाल इतना बड़ा नहीं है कि इसका बंटवारा किया जाए। संसाधनों के साथ कर्ज बांटना होगा। दोनों छोटे निगम कर्ज वहन नहीं कर पायेंगे। कर्ज के लिए नागरिकों पर भारी टैक्स लगाया जायेेगा, जो नागरिकों के साथ अन्याय होगा।
श्री सारंग ने कहा कि जलापूर्ति सिस्टम कैसे बांटेंगे क्योंकि नर्मदा का सम्पवैल प्रस्तावित कोलार नगर निगम में है तो कोलार का सम्पवैल प्रस्तावित भोपाल नगर निगम में है। भविष्य में विवाद की स्थिति निर्मित होगी और नागरिकों को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सीवेज लाइन और सड़कों का बंटवारा कैसे होगा? दोनों की मरम्मत और साफ सफाई कैसे होगी क्योंकि दोनो आधी-आधी दोनो प्रस्तावित नगर निगमों हैं। भोपाल शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित भोपाल नगर निगम में हैं। इसकी वजह से भी भविष्य में परेषानियां निर्मित होंगी। प्रस्तावित कोलार और भोपाल दोनों निगमों में अलग-अलग दल के महापौर बनने से सड़क, पानी, सीवेज को लेकर खींचतान होगी और नागरिक परेषान होंगे।
विश्वास सारंग ने कहा कि प्रस्तावित कोलार नगर निगम में न तो कोई बस स्टैण्ड होगा और न ही रेलवे स्टेशन। स्मार्ट सिटी की उपयोजनाओं से प्रस्तावित कोलार नगर निगम बंचित हो जायेगा। नरेला विधानसभा क्षेत्र को दोनों प्रस्तावित नगर निगमों में आधा बांटा जा रहा है जो प्रशासनिक दृष्टि से गलत होगा और नागरिकों को का परेशानियों सामना करना पड़ेगा। प्रस्तावित दोनों नगर निगमों में भौगोलिक दृष्टि से जो विभाजन किया गया है वो भी गलत है।
श्री सारंग ने कहा कि किसी भी तरह से वर्तमान नगर निगम भोपाल का विभाजन नीति संगत और व्यवहारिक नहीं है। कांग्रेस को अपनी हठधर्मिता को छोड़कर भोपाल नगर निगम का विभाजन न कर भोपाल को महानगर पालिका बनाना चाहिए।