भोपाल। धनतेरस पर शुक्रवार से पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ हो गया। कार्तिक कृष्णपक्ष में शुक्रवार को धनतेरस होना इस बार अतिशुभ मना जा रहा है। शुक्रवार मां लक्ष्मी के अधिपत्य वाला दिन है। साथ ही त्रयोदशी पर कई शुभ व विशिष्ट योग भी बन रहे हैं। खास बात यह है कि शुक्र प्रदोष भी रहेगा। इसके अलावा ब्रह्मयोग व सिद्धियोग रहेंगे।
प्रदोषकाल में ही धनाध्यक्ष भगवान कुबेर प्रकट हुए थे। स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर आज ही के दिन प्रकट हुए थे। धनतेरस ही एकमात्र ऐसा पर्व है, जिस पर सौभाग्य, समृद्धि, धन व स्वास्थ्य के अधिपति देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। ज्योतिषी पं. प्रहलाद पंड्या के अनुसार भगवान कुबेर को धनाध्यक्ष की उपाधि भगवान शिवजी की कृपा से ही धनतेरस के दिन प्राप्त हुई थी। धनतेरस पर शाम के समय लक्ष्मी और कुबेर की पूजा व यम के निमित्त दक्षिण दिशा में दीप प्रज्ज्वलित करने की परंपरा है।
सिक्कों से होगा मां लक्ष्मी का सहस्त्रार्चन
जवाहर चौक स्थित राज-राजेश्वरी मंदिर में मां त्रिपुरसुंदरी का 1008 सिक्कों से सहस्त्रार्चन किया जाएगा। पं. दीपक शास्त्री ने बताया कि सहस्त्रार्चन में चांदी के 108 सिक्के शामिल रहेंगे। मंदिर में विद्युत सज्जा की गई है। दूसरी ओर अरेरा पहाड़ी स्थित लक्ष्मीनारायण (बिड़ला) मंदिर में भी अाकर्षक रोशनी होगी। मंदिर में 1008 दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।