भोपाल। उद्योगों और नए प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेना अब आसान होगा। मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश से पहले राज्य सरकार ने ‘लैंड पूलिंग स्कीम 2019’ को मंजूरी दे दी है। अब उद्योग के लिए भूमि स्वामी से चर्चा करके व सहमति बनाकर जमीन ली जा सकेगी। भूमि स्वामी को बाजार मूल्य से 20 फीसदी पैसा नकद देना होगा। जमीन मिलने के बाद उसे विकसित करके बाकी पैसे को आवासीय व व्यावसायिक प्लाॅट की शक्ल में लौटाया जा सकेगा। लौटाए गए प्लाॅट पर भूमि स्वामी का अधिकार होगा।
इंदौर-अहमदाबाद हाइवे पर पहला प्रोजेक्ट
इस स्कीम का पहला प्रयोग इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे नंबर 59 से सटी जमीनों पर होगा।इस जमीन को मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआईडीसी) विकसित करेगा। इस जगह जो प्लाॅट काटे जाएंगे, उनका उपयोग उद्योग के साथ आवासीय, व्यावसायिक और आम जनता के लिए किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 600 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। राज्य सरकार का मानना है कि लैंड पूलिंग की नई स्कीम के कारण प्रति हेक्टेयर जमीन की कीमत 3 करोड़ 83 लाख रुपए से घटकर 2 करोड़ 54 लाख तक होने की संभावना है। साफ है कि शुरुआत में ही 34 फीसदी का फायदा हो जाएगा।
भोपाल-इंदौर के साथ जबलपुर और ग्वालियर की भी ब्रांडिंग :
समिट में राज्य सरकार द्वारा भोपाल-इंदौर के साथ जबलपुर, ग्वालियर और रीवा की भी ब्रांडिंग की जाएगी। भोपाल में 2704 व इंदौर में 5425 हेक्टेयर जमीन विकसित है। जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में क्रमश: 2056.6, 1905 व 257.3 हेक्टेयर जमीन उद्योगों के लिए रखी गई है। समिट में बताया जाएगा कि इन सभी जगहों पर फूड प्रोसेसिंग, टैक्सटाइल, इंजीनियरिंग, ऑटो और फार्मा इंडस्ट्री की संभावनाएं हैं। जबलपुर में माइनिंग व सीमेंट, रीवा में पावर सेक्टर की संभावनाएं अच्छी हैं।