भोपाल। माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 का रिजल्ट अब तक घोषित नहीं हो पाया है जबकि 2019 अपनी आखरी तिमाही मेें है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) का कहना है कि अगले 15 दिन में हम रिजल्ट घोेषित कर देंगे। हालांकि पहले भी पीईबी ने सितंबर अंत तक रिजल्ट घोषित करने का दावा किया था। करीब 2.50 लाख उम्मीदवार रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। वहीं उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में चयनित उम्मीदवार काउंसलिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें अंग्रेजी का दोबारा पेपर देने वाले करीब 12500 परीक्षार्थी भी शामिल हैं।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के बहाने
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 की परीक्षा 16 फरवरी से 10 मार्च 2019 के बीच हुई थी। इसमें भी करीब ढाई लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 का परिणाम घोषित होने के बाद पीईबी ने इसका रिजल्ट घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन डेढ़ हजार आपत्तियों का जवाब तैयार करने में पीईबी को समय लग रहा है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के कारण भी पीईबी को नए सिरे से कवायद करना पड़ रही है। यही कारण है कि अब रिजल्ट दीपावली के आसपास घोषित किए जाने की तैयारी पीईबी द्वारा की जा रही है।
दिनभर आते हैं पीईबी में फोन
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 देने वाले उम्मीदवारों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। इधर, रिजल्ट के बारे में पीईबी में दिन भर फोन कॉल आते रहते हैं। अधिकारी उन्हें जल्द ही रिजल्ट जारी होने का आश्वासन तो देते हैं, लेकिन रिजल्ट जारी होने की तारीख के बारे में नहीं बताते। ऐसे में पीईबी में लगातार कॉल आ रहे हैं।
यह भी एक समस्या
उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-18 का परिणाम आने से एक दिन पूर्व ही कुंजी वेबसाइट पर अपलोड हो गई थी। इसे कई उम्मीदवारों ने डाउनलोड भी कर लिया था। ऐसे में पीईबी की पारदर्शिता पर सवाल उठे थे। इसलिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 के परिणाम अपलोड करने में इस तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए भी अलग से एक टीम लगाई गई है, जो लगातार इसकी टेस्टिंग कर रही है।
7 विषय में हुई थी परीक्षा
पीईबी ने हिंदी, उर्दू, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान समेत 7 विषयों की परीक्षा ली थी। सभी विषयों में मिलाकर करीब डेढ़ हजार आपत्तियां उम्मीदवारों ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर लगाई है। इसमें मुख्य रूप से सही उत्तर विकल्प में नहीं होने जैसी आपत्तियां हैं।