भोपाल। "श्रीमती आईरीन सिंथिया जे पी" संचालक राज्य शिक्षा केंद भोपाल ने दिनांक 24/09/2019 को पत्र जारी कर प्रदेश के समस्त कलेक्टर को निर्देश दिये है कि शिक्षकों को गैर शिक्षकीय (बीएलओ) से मुक्त किया जावे। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि इस प्रकार के आदेश विगत वर्षों में अनेकों बार जारी हो चुके है, लेकिन जिलों में कलेक्टर है कि मानते नहीं हैं।
आरटीई में स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य केवल जनगणना, आपदा प्रबंधन व आम चुनाव (अधिसूचना जारी होने से मतगणना पूर्ण होने तक) में ही लगाई जा सकती है। जिलों में आदेश के पालन करने/करवाने की प्रथम जवाबदेही कलेक्टर व विभागीय अधिकारी की होती है । इसके ठीक विपरीत प्रदेश में अधिकांश जिलों में कलेक्टर व एसडीएम ने शिक्षकों को BLO बना रखा हैं। विभागीय अधिकारी की हिम्मत नहीं कि कलेक्टर/एसडीएम के आदेश को चुनौती दे सके, क्योंकि वे जिलों में कलेक्टर व ब्लाक में एसडीएम के अधीन है।
विडम्बना देखिये जिलों/ब्लाकों मे कलेक्टर/एसडीएम(राजस्व) असीमित अधिकारों से लेस होकर आदेश की खुली अवमानना व नाफरमानी करने से गुरेज नहीं करते है। वर्तमान में BLO का कार्य किसी भी परिस्थिति में राज्य सरकार व आरटीई प्रावधानों के अनुसार शिक्षकों से संभव नहीं है। इसमें निर्देश है कि मतदाताओं का वेरिफिकेशन घर-घर जाकर करना है। इसमें विद्यालय समय छोड़कर ही शिक्षकों से कार्य लिया जा सकता है, जो अव्यवहारिक है।
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ मांग करता है कि संचालक राज्य शिक्षा केंद्र के आदेश के पालन में प्रदेश के समस्त कलेक्टर/एसडीएम(राजस्व) से मांग करता है कि उक्त आदेश के पालन में शिक्षकों को तत्काल BLO कार्य से मुक्त किया जा कर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का सम्मान किया जावे नहीं तो ऐसे कलेक्टर एसडीएम के आदेश का मजबूरन आंदोलन कर विरोध किया जाएगा। प्रदेश में टकराव की स्थिति निर्मित होती है तो उसके लिए शासन प्रशासन जवाबदार होगा।