सीएम सर, शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों के अनुभव की शर्त में एक गड़बड़ी है | Khula Khat @ CM Kamal Nath

माननीय मुख्यमंत्री महोदय। म.प्र. शासन, म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग का नवीन शैक्षणिक सत्र 2019-20, अप्रैल 2019 से शुरू हो चुका है, अतः जिन अतिथि शिक्षकों ने अप्रैल 2019 से शैक्षणिक कार्य किया है उन्हें भर्ती के विज्ञापन से पूर्व तक का (सत्र 2019-20 का) अतिथि अनुभव प्रमाण पत्र जी.एफ.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से प्रदान करने की कृपा करें। साथ ही इस संबंध में मेरे निम्न तर्को का अवलोकन करें-

1) वर्तमान शिक्षक भर्ती में 200 दिन एवं 3 शैक्षणिक वर्षो में कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को आरक्षण का लाभ मिलना है और मेरे जैंसे कई अतिथियों के 200 दिन तो पूर्ण हैं लेकिन तीन शैक्षणिक सत्र 2019-20 में पूर्ण हुए हैं।
2) वर्तमान शिक्षक भर्ती में रनिंग डिग्री वाले तो पात्र हैं अर्थात भर्ती प्रक्रिया, डॉक्यूमेंट सत्यापन से पूर्व यदि उनके रिजल्ट आ जाते हैं तो उन्हें भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित किया जायेगा फिर हम अतिथियों को क्यों नहीं, साथ ही जब मार्च 2019 का अनुभव मान्य है तो अप्रैल 2019 का या उसके बाद का क्यों नहीं।

3) सत्र 2018-19 से पहली बार विषय वार पारदर्शी (ऑनलाइन) तरीके से योग्य अतिथि रखे गए हैं और जिन्होंने स्कूलों में पढ़ाते हुए शिक्षक भर्ती परीक्षाएं दी हैं उन्हें भर्ती में कोई फायदा नहीं मिल रहा जबकि इससे पूर्व संस्था प्रधानों की मनमर्जी या अन्य दबाव बनाकर रखे गए अतिथि इस आरक्षण का लाभ लेंगे जिससे अपेक्षा कृत कम योग्य व्यक्ति भर्ती में चयनित हो जायेंगे जो हम जैंसे बेरोजगारों के साथ साथ विद्यार्थियों के साथ भी अन्याय है।

4) कई अतिथि शिक्षक ऐंसे है जिन्होंने स्कूलों में अध्यापन के साथ साथ 100-500 किलो मीटर दूर स्थित कॉलेजो से रेगुलर डिग्रियां प्राप्त की हैं अब या तो इनकी डिग्रियां फर्जी हैं या अनुभव।कृपया ऐंसे फर्जी अतिथिओं का चिन्हांकन उच्च स्तर से करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें क्योंकि इन्होंने हम जैंसे कई बेरोजगारों का हक छीना है। साथ ही जिस अतिथि ने जिस वर्ग में एवं जिस विषय का अध्यापन किया है उसे उसी विषय की भर्ती में अनुभव का लाभ मिलना चाहिए।

अतः महोदय जी से निवेदन है कि मेरे उक्त तर्कों को केवल मेरे निजी स्वार्थ के परिपेक्ष्य में न देखते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें तो मेरे जैंसे अभ्यर्थियों के साथ साथ छात्रों का भी भला होगा।
भवदीय
सविता पटेल एवं वर्तमान में तीन सत्र एवं 200 दिन पूर्ण समस्त अतिथि शिक्षक

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