भोपाल। पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम ने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर खुले हमले शुरू कर दिए हैं। जो विधायक या मंत्री नहीं हैं वो कमलनाथ को टारगेट कर रहे हैं जबकि उमंग सिंघार सहित कुछ विधायकों ने दिग्विजय सिंह पर दनादन हमले शुरू कर दिए हैं। दिग्विजय के पत्र के जवाब में सिंघार ने सोनिया गांधी के नाम पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूछा है कि दिग्विजय सिंह सिंहस्थ घोटाला पर कोई पत्र क्यों नहीं लिखते। साथ ही शिकायत की है कि वो मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे हैं। पढ़िए और क्या क्या लिखा है सिंघार के पत्र में:
खुद को ताकतवर बनाने, सरकार को कमजोर कर रहे हैं
माननीया, बड़े ही दुःख के साथ आपको यह अवगत कराना पड़ रहा है कि म.प्र. में कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वंय को म.प्र. पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे है। वे लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, इन पत्रों को मजबूत विपक्ष दलों के लिए एक मुद्दा बन जाता है। दिग्विजय सिंह के पक्ष को लेकर विपक्ष आए दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को घेरने के असफल प्रयास में लगा रहता है।
मंत्रियों के नाम पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल करवा दिया
इसी कड़ी में गत शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सभी मंत्रियों को एक पत्र लिखा और उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इस पत्र के जरिए दिग्विजय सिंह खबरों की सुर्खियों में छा गए पर प्रदेश के राजनीतिक वीथिकाओं में नई बहस छिड़ गई कि क्या पर्दे के पीछे कमलनाथ सरकार को दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लगातार यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि प्रदेश में सरकार कमलनाथ नहीं चला रहे है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे सरकार चला रहे हैं। गत शुक्रवार को दिग्विजय सिंह द्वारा मंत्रियों को लिखे पत्र से विपक्ष के आरोपों को और बल मिला है।
सिंहस्थ घोटाले पर पत्र क्यों नहीं लिखते दिग्विजय सिंह
माननीया, आपको यह भी अवगत कराना उचित होगा कि व्यापम घोटाला, ई-टेडरिंग घोटाला, वृक्षारोपण घोटालों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे, किंतु वे सिंहस्थ घोटाले को लेकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते हैं, क्योंकि सिंहस्थ घोटाले से संबंधित विभाग दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह के पास है। उनके पुत्र एवं नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सिंहस्थ घोटाले से संबंधित सवाल के उत्तर में कहा कि सिंहस्थ घोटाला नहीं हुआ। जबकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने सिंहस्थ घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था।
मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे हैं
माननीया, मंत्री अपने मुख्यमंत्री के प्रति उत्तरदायित्व होता है। दिग्विजय सिंह एक राज्यसभा सदस्य हैं। वे पत्र लिखकर मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे हैं, जो अनुचित है। ऐसे में तो अन्य सांसद, राज्यसभा सदस्य और नेतागण भी मंत्रियों को लिखे पत्रों का हिसाब-किताब लेना शुरू कर देंगे। यदि यह परम्परा पड़ गयी तो मंत्री सरकारी कामकाज और जनहितैषी योजनाओं को क्रियान्वयन कैसे कर पाएंगे।