मप्र में PRIVATE VETERINARY COLLEGE के लिए GUIDELINE तैयार

जबलपुर। पिछले दिनों कमलनाथ कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में प्राइवेट वेटरनरी कॉलेज खोलने के लिए मंजूरी दे दी थी। अब यूनिवर्सिटी ने गाइडलाइन तैयार कर ली है। उम्मीद है अगले शिक्षण सत्र से मध्य प्रदेश में कम से कम 3 नए प्राइवेट वेटरनरी कॉलेज संचालित होंगे। 

पत्रकार अतुल शुक्ला की रिपोर्ट के अनुसार नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर प्रशासन द्वारा तैयार की गई नई गाइडलाइन में कॉलेज खोलने के लिए वेटरनरी कौंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआई) के मापदंड पूरे कर एनओसी लेनी होगी। राज्य शासन और वेटरनरी विवि से भी एनओसी लेना होगा। इसके बाद विवि की टीम नए कॉलेज स्थल का निरीक्षण कर नियमों की जांच करने के बाद अंतिम स्वीकृति देगी।

उज्जैन, दतिया, सागर में खुल सकता है कॉलेज

प्रदेश में जबलपुर, रीवा और महू में शासकीय वेटरनरी कॉलेज हैं। कैबिनेट की मोहर के बाद दतिया, उज्जैन और सागर में निजी या शासकीय वेटरनरी कॉलेज खोलने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, इन तीन जगह पर विवि प्रशासन नए कॉलेज खोलने का प्लान बना रहा था, लेकिन फंड की कमी और नियमों के पेंच की वजह से प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नई गाइडलाइन के बाद एक बार फिर इन जगहों पर नए वेटरनरी कॉलेज खुलने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि विवि, शासकीय की बजाए निजी कॉलेज खोलने पर जोर देगा ताकि विवि की आय बढ़े।

स्ववित्तीय योजना का मिलेगा फायदा, बढ़ेगी आय

इस बार प्रदेश सरकार ने वेटरनरी, कृषि विवि समेत प्रदेशभर के कई विश्वविद्यालयों के सालाना बजट में कटौती कर दी है। नए वेटरनरी कॉलेज खोलने की अनुमति मिलने के बाद वेटरनरी विवि की स्ववित्तीय योजना को फायदा मिलेगा। विवि निजी कॉलेज का निरीक्षण करने, मान्यता देने और कोर्स तैयार करने में मदद करेगा जिससे उसकी आय बढ़ेगी।

नई गाइडलाइन के मुख्य बिंदु

- नए कॉलेज के लिए कम से कम 20 से 30 एकड़ की जमीन होना चाहिए। 
- वीसीआई के मुताबिक एक कॉलेज में तकरीबन 80 से ज्यादा शिक्षिक हों। 
- कॉलेज में 16 विभाग होना अनिवार्य हैं, जिसके एक्सपर्ट होना चाहिए। 
- वेटरनरी फार्म, हॉस्पिटल और आधुनिक लैब हो। 

प्री वेटरनरी टेस्ट से ही होगा निजी कॉलेज में प्रवेश

प्रदेश में निजी कृषि कॉलेज खोलने के बाद उपजे विवाद को देखते हुए वेटरनरी विवि ने नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया है कि शासकीय वेटरनरी कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया की तरह ही निजी कॉलेज की प्रक्रिया होगी। इसमें कोई फेरबदल नहीं होगा। इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा आयोजित प्री वेटरनरी टेस्ट में सफल होने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। दरअसल, प्रदेश के निजी कृषि कॉलेजों में न तो प्री एग्रीकल्चर टेस्ट से प्रवेश दिया जाता है न ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मापदंडों का पालन किया जाता है।

मध्यप्रदेश में निजी वेटरनरी कॉलेज खोलने की अनुमति शासन से मिलने के बाद विवि प्रशासन ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर इसके लिए नई गाइडलाइन भी बना ली है। नए कॉलेज खोलने वालों को वीसीआई, शासन और विवि तीनों से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। -श्रीकांत जोशी, कुलसचिव, वेटरनरी विवि

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!