भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MP Professional Examination Board) ने 11.02.2019 को समाप्त हुई उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 (Higher Secondary Teacher Eligibility Test-2018) का रिजल्ट 28.08.2019 को घोषित कर दिया लेकिन इसके साथ ही अंग्रेजी का पेपर भी निरस्त कर दिया। पीईबी का यह तरीका उसे संदेह की जद में लाता है। प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या कोई घोटाला है।
28 अगस्त को रिजल्ट जारी करने के बाद 29 अगस्त को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड प्रेस को जारी सूचना में बताया है कि परीक्षा संचालन एजेंसी द्वारा परीक्षा उपरांत दिनांक 02.07.2019 को अवगत कराया कि दिनांक 03.02.2019 को द्वितीय पाली में आयोजित अंग्रेजी विषय की परीक्षा में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिये नियमानुसार सुविधा प्रदान करते समय प्रश्न-पत्र की मैपिंग में त्रुटि हुई है। उक्त त्रुटि के कारण दिनांक 03.02.2019 को द्वितीय पाली में आयोजित अंग्रेजी विषय की परीक्षा की शुचिता प्रभावित होने की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुये अंग्रेजी विषय की परीक्षा को निरस्त किया गया एवं दिनांक 29.09.2019 को अंग्रेजी विषय की पुनः परीक्षा का आयोजन (केवल पूर्व में आयोजित अंग्रेजी विषय की परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों के लिये) करने का निर्णय लिया गया है। पुनः परीक्षा की विस्तृत समय-सारिणी एवं संबंधित अभ्यर्थियों के प्रवेश -- पत्र बोर्ड की वेबसाईट www.peb.mp.gov.in पर पृथक से अपलोड किये जाऐंगे ।
महत्वपूर्ण सवाल
सवाल है कि परीक्षा संचालन एजेंसी ने 2 जुलाई 19 तक क्या किया।
यदि प्रश्न-पत्र की मैपिंग में त्रुटि हुई है तो जिम्मेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
यदि 2 जुलाई 19 को तय हो गया था कि अंग्रेजी का पेपर निरस्त किया जाएगा तो इसकी सूचना रिजल्ट जारी होने से पहले या रिजल्ट के साथ ही क्यों नहीं दी गई।
क्यों ना यह मान लिया जाए कि पूरी परीक्षा में ही कोई घोटाला हुआ है और अंग्रेजी के पेपर में वो घोटाला समायोजित नहीं हो पाया। पकड़े जाने के डर से 28 अगस्त को अंग्रेजी का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया और 24 घंटे में जब कोई रास्ता नहीं निकला तो पेपर के निरस्त हो जाने की सार्वजनिक सूचना जारी कर दी गई।
एक और सवाल यह कि जब पीईबी या पीईबी द्वारा तैनात ऐजेंसी की गलती से पेपर निरस्त हुआ है तो क्या परीक्षार्थियों को पुनः परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र तक आने जाने का किराया भत्ता प्रदान किया जाएगा।