ग्वालियर। फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी 23 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन 50 करोड़ 11 लाख रुपए कीमत के जेवरातों से राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी, जिसमें कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
गोपाल मंदिर में भगवान राधाकृष्ण का मनोहारी श्रृंगार कर दोपहर में 12 बजे से भक्तों के लिए पट खोल दिए जाएंगे। राधाकृष्ण का सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार, जिसकी कीमत लगभग छह लाख रुपए है। सात लढ़ी हार, जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने लगे हैं, इसकी कीमत सन 2007 में लगभग 10 से 12 लाख रुपए आंकी गई थी। कृष्ण भगवान सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट पहनेंगे, जिनकी कीमत लगभग 50 लाख रुपए है।राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट, जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है। तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग तीन करोड़ आंकी गई है। राधा रानी के मुकुट में लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 16 लाख आंकी गई है।
राधाकृष्ण के श्रृंगार के लिए लगभग साढ़े 15 लाख रुपए के जेवरात उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि हैं। भगवान के भोजन के लिए प्राचीन सोने, चांदी के बर्तनों की कीमत लगभग 50 लाख रुपए है।साथ ही भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियां भी हैं जिन्हें दर्शनों के लिए रखा जाता है।
गोपाल मंदिर में आभूषणों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेगा। भगवान के जेवरातों को बैंक के लॉकर में रखा जाता है। जन्माष्टमी से पहले यह सभी जेवरात संदूक में बंद कर पुलिस की भारी सुरक्षा में मंदिर तक पहुंचाएं जाते हैं। साथ ही भगवान को जेवरात पहनाने से पहले उनकी पूरी पड़ताल की जाती है। इसके बाद इन जेवरातों को भगवान को पहना दिया जाता है। इसके बाद इनकी सुरक्षा के लिए भारी बंदोबस्त भी किया जाता है। जन्माष्टमी के बाद यह सारे जेवरात पुलिस सुरक्षा में ही वापस बैंक लॉकर में रखवाए जाते हैं।
राममंदिर और सनातनधर्म मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 23 अगस्त को ही मनाया जाएगा। वहीं अचलेश्वर महादेव मंदिर में बाबा का जन्मोत्सव 24 अगस्त को मनाया जाएगा। सनानत धर्म मंदिर में भगवान चक्रधर का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
पंडित गौरव उपाध्याय के अनुसार श्रीकृष्ण सृष्टि के पालनहार श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतार थे। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को बुधवार के दिन हुआ था। इस बार जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अगस्त शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 8 मिनट से होगा। जो कि 24 अगस्त की सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। वहीं रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को सुबह 3ः46 से प्रारंभ होकर 25 अगस्त को सुबह 4ः15 तक रहेगा । इसलिए कुछ पंडितों का मत है कि कृष्ण जन्माष्टमी 23 को मनाई जाए। जबकि कुछ का मत है कि जन्माष्टमी 24 को मनाई जाएगी।