कृषि ऋण घोटाला: किसानों ने अधिकारियों को बंधक बनाया, जांच में लीपापोती का आरोप | INDORE NEWS

इंदौर। सांवेर तहसील के पलासिया गांव की सेवा सहकारी संस्था में किसानों के कृषि ऋण खातों में घपले की जांच के दौरान सहकारिता विभाग और इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव (आईपीसी) बैंक के जांच दल की भारी फजीहत हुई। जांच में लीपापोती होते देख किसानों ने जांच दल के अधिकारियों को संस्था कार्यालय में बंद कर दिया। बाहर से दरवाजा लगा दिया और बैंक के सीईओ को बुलाया। सीईओ एसके खरे के आने के बाद ही दरवाजा खोला गया। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद था, लेकिन किसानों के आक्रोश के कारण वे भी चुप रहे।
दरअसल, पलासिया सेवा सहकारी संस्था में फरवरी में किसान कर्जमाफी के दौरान जब किसानों के खातों की सूची बनाई जा रही थी, तब सामने आया कि यहां काफी आर्थिक अनियमितताएं हैं। संस्था के प्रबंधक श्याम पटेल को निलंबित कर उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। इस मामले में लंबे समय से जांच ठप है। कलेक्टर तक दोबारा शिकायत पहुंचने पर जांच आगे बढ़ी। बुधवार को जांच के लिए वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक डीपी खरिया, आईपीसी बैंक के अधिकारी जेएल मरमट, बैंक अधिकारी हर्षवाल आदि पलासिया पहुंचे।
संस्था कार्यालय में जांच के दौरान सोसायटी की कैशबुक, लेजर और किसानों की पासबुक व चेकबुक की प्रविष्टियों में राशि का अंतर पाया गया। जांच अधिकारी सोसायटी के लेजर को ही सही मान रहे थे। इस पर किसान भड़क गए और जांच अधिकारियों को संस्था भवन में बंद कर दिया। इस दौरान पुलिस जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन किसानों की अधिक संख्या और उनके गुस्से को देखते हुए वे भी कुछ नहीं कर पाए। किसानों ने कहा कि वे इस जांच से संतुष्ट नहीं हैं। आईपीसी बैंक के सीईओ को बुलाया जाए। उनके सामने जांच होगी, तभी हम जांच अधिकारियों को बाहर निकलने देंगे। कुछ देर बाद सीईओ खरे पलासिया पहुंचे। इसके बाद दोबारा जांच शुरू हुई।


सीईओ खरे की मौजूदगी में कुछ किसानों के खाते जांचे गए। किसान विष्णुप्रसाद पटेल, सतपाल पटेल, कमल हजारीलाल आदि के खातों से उनके फर्जी हस्ताक्षर से पैसा निकालना पाया गया। किसान शैलेंद्र पटेल ने बताया कि सोसायटी के रिकॉर्ड में किए गए पिताजी के हस्ताक्षर और बैंक सीईओ के सामने पिताजी द्वारा किए गए हस्ताक्षर अलग-अलग निकले। इसी तरह तीन-चार और खातेदारों के खाते चेक किए तो उनके हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए। फर्जी हस्ताक्षर कर रुपए और रासायनिक खाद निकाला गया था। सीईओ ने भी माना कि सोसायटी ने खातों में गड़बड़ी की है। विशेषज्ञों से संस्था की जांच कराई जाएगी। शाम को किसानों ने क्षेत्रीय विधायक और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से भी मुलाकात की। गौरतलब है कि मंत्री के निर्देश पर ही संस्था की जांच शुरू कराई गई थी। सहकारिता विभाग ने फरवरी में जांच दल गठित किया था, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई।
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