भोपाल। गुजरात की सीमा पर नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ने से मध्य प्रदेश के 32 गांवों पर डूबने का खतरा बन गया है, जिसके विरोध में प्रभावित लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने धार जिले के खलघाट में मंगलवार दोपहर से आगरा-मुम्बई मार्ग को जाम कर दिया। गुजरात सरकार द्वारा बांध के गेट बंद कर जलस्तर को 131.5 मीटर पर ले जाया गया है, जिससे इसकी जद में आने वाले मध्य प्रदेश के बड़वानी, धार और अलिराजपुर जिलों के 32 गांवों में पानी भरने लगा है।
बड़वानी का राजघाट पुल पूरी तरह डूब गया है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने मंगलवार को बताया, ‘जलस्तर बढ़ने से गांवों में लगातार पानी भर रहा है। लोगों के मकान, दुकान, मवेशी आदि डूबने के कगार पर हैं। गुजरात सरकार के रवैए से नाराज लोगों ने खलघाट पर सड़क जाम कर दिया है, जिससे आगरा-मुम्बई राजमार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप है।’ राहुल यादव के अनुसार, ‘बांध प्रभावितों ने चेतावनी दी है कि जब तक बांध का जलस्तर कम किए जाने का आश्वासन नहीं मिलता है, तबतक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।’
बता दें कि सात अगस्त को भी बांध प्रभावितों ने राजघाट पर सत्याग्रह शुरू किया था। बाद में बांध से जल निकासी पर सत्याग्रह को स्थगित कर दिया गया था। सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी से घिरे लोगों को उनके परिजन ही मदद कर रहे हैं। इसी कोशिश में सोमवार को दो लोगों की करंट लगने से राजघाट में मौत हो गई थी।
राहुल ने आरोप लगाया है, ‘दोनों युवकों ने प्रशासन से गांव तक जाने के लिए नौका की मांग की थी, मगर उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई और वे अपनी नौका से जा रहे थे, तभी बिजली के तार में करंट होने से दो की मौत हो गई।’ राज्य सरकार के नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने बड़वानी जिले के राजघाट क्षेत्र में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण करंट लगने से दो लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से दो-दो लाख रुपये और बिजली विभाग की ओर से चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल स्वीकृत की गई है।
बघेल ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषी अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मंत्री बघेल ने डूब प्रभावित परिवारों से आग्रह किया है कि वे गांव के समीप बनाए गए पुनर्वास स्थलों पर पहुंचें, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार डूब प्रभावित परिवारों के साथ है और उनके बचाव-सहयोग के लिए हमेशा तैयार है। नर्मदा घाटी विकास मंत्री बघेल ने गुजरात सरकार से पुन:आग्रह किया है कि राजघाट बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण मानवीय घटनाओं को रोकने के लिए बांध के गेट खोले जाएं।
राहुल के अनुसार, ‘गुजरात सरकार ने जलस्तर को 138.68 मीटर तक ले जाने का ऐलान किया है। अगर ऐसा होता है तो 192 गांव और धरमपुरी नगर डूब में आ जाएंगे।’ आधिकारिक तौर पर रविवार को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, बड़वानी जिले में लगातार हो रही वर्षा के कारण तेजी से बढ़ रहे नर्मदा के जलस्तर के कारण डूब प्रभावित गांवों से प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर भेजने में एनडीआरएफ, नोडल अधिकारी एवं उनकी टीम लगी हुई है। कलेक्टर अमित तोमर और पुलिस अधीक्षक डी.आर. तेनीवार ने डूब प्रभावित गांवों में रुके परिवारों से कहा है कि वे समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न होने पाए।